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This Article is From May 30, 2019

रमजान का आखिरी जुम्मा, जानिए ईद से पहले कैसे मनाई जाती है Jamat Ul-Vida

जमात उल विदा को उर्दू में अलविदा जुम्मा मतलब होता है. इसके बाद ही ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) यानी मीठी ईद (Mithi Eid) मनाई जाती है. इस बार मीठी ईद 5 या 6 जून को मनाई जाएगी.

रमजान का आखिरी जुम्मा, जानिए ईद से पहले कैसे मनाई जाती है Jamat Ul-Vida
Jumu'atul-Wida (जमात उल विदा)
नई दिल्ली:

रमजान (Ramadan) महीने की आखिरी जुम्मे की नमाज 31 तारीफ को पढ़ी जाएगी. इसे जमात उल विदा (Jumu'atul-Wida या Jamat-ul-Wida) कहते हैं. इस्लाम में जुम्मे की नमाज़ को बहुत खास माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन अल्लाह को याद करने से वो सारे गुनाहों को माफ कर देते हैं. 

जमात उल विदा को उर्दू में अलविदा जुम्मा मतलब होता है. इसके बाद ही ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) यानी मीठी ईद (Mithi Eid) मनाई जाती है. इस बार मीठी ईद 5 या 6 जून को मनाई जाएगी.

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जमात उल विदा के दिन सभी रोजेदार नमाज अदा करने मस्जिद जाते हैं. इस नमाज में रोजेदार अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और फरियाद करते हैं. 

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सिर्फ रमजान के दौरान ही नहीं बल्कि इस्लाम धर्म में हर जुम्मे (शुक्रवार) की नमाज को खास माना जाता है. मान्यता है कि जुम्मे की दिन ही अल्लाह ने इंसान को बनाया था. इस वजह से इस्लाम में जुम्मे के दिन नमाज के साथ-साथ दान भी किया जाता है. 

मीठी ईद से पहले इस आखिरी जुम्मे की नमाज के दिन को हंसी-खुशी मनाया जाता है. इफ्तार में पकवान के साथ-साथ रोजेदार नए कपड़े पहनकर मस्जिद जाते हैं.

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बता दें, इस बार ईद 5 या 6 मई को हो सकती है. 

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