अयोध्‍या में विशेष पूजा-अर्चना के साथ राम मंदिर का निर्माण शुरू, कोरोनावायरस के चलते टाला गया भव्‍य कार्यक्रम

Ram Mandir: जयपुर के कारीगरों द्वारा बनाए गए साढ़े नौ किलो के चांदी के सिंहासन पर 25 मार्च को देव प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी.

अयोध्‍या में विशेष पूजा-अर्चना के साथ राम मंदिर का निर्माण शुरू, कोरोनावायरस के चलते टाला गया भव्‍य कार्यक्रम

Ram Mandir: राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है

अयोध्‍या:

अयोध्या (Ayodhya) में विशेष पूजा अर्चना के साथ देव प्रतिमाओं को एक अस्थायी संरचना में स्थानांतरित करने के साथ ही राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का कार्य सोमवार को आरंभ हुआ. मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने तक प्रतिमाएं अस्थायी संरचना में रहेंगी. कोरोनावायरस (Coronavirus) के खतरे के चलते प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बीच मंदिर निर्माण कार्य की शुरुआत हुई. विशेष पूजा मंगलवार को भी जारी रही और प्रतिमाओं को नए ढांचे में बुधवार की सुबह स्थानांतरित किया जाएगा.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्यों विमलेंद्र मिश्रा और डॉ अनिल मिश्रा की उपस्थिति में विशेष पूजा अर्चना की गई. राम मंदिर न्यास के सचिव चंपत राय ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अयोध्या के साधु संतों को पूजा में आमंत्रित नहीं किया गया.
 
उन्होंने कहा, "हम स्थिति पर 24 मार्च तक नजर रखेंगे और तदनुसार आगे की कार्य योजना पर निर्णय लेंगे."

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुधवार को प्रस्तावित अयोध्या दौरे के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा कि यह अभी तय नहीं है.  उन्होंने कहा, "इस समय मुख्यमंत्री पर लोगों की सुरक्षा का दायित्व है. यह 'राजा' का प्रथम कर्तव्य है."

जयपुर के कारीगरों द्वारा बनाए गए साढ़े नौ किलो के चांदी के सिंहासन पर 25 मार्च को देव प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी.

वहीं,   रामनगरी अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में ले जाए जाने की तैयारी है. रामलला अब अयोध्या में बुलेटप्रूफ फाइवर के बने मंदिर में रजत सिंहासन पर विराजेंगे. श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में शुरू हुआ प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ा पूजन-अर्चन शुरू हो चुका है. रामलला चांदी के जिस सिंहासन पर विराजेंगे, उसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन मिश्र ने अपनी तरफ से तैयार कराया है. उन्होंने सोमवार को अपने आवास राजसदन में इसे ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ पदेन सदस्य जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की मौजूदगी में ट्रस्ट को समर्पित किया.

9 किलो 500 ग्राम चांदी से निर्मित यह सिंहासन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी एवं अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने राज सदन स्थित अपने आवास पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को दान स्वरूप अर्पित किया.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव व विहिप के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि भगवान रामलला गृभगृह में विराजमान हैं, भव्य मंदिर निर्माण के लिए यहां से उनको नए आसन में विराजित करना जरूरी है. इसके लिए सोमवार से पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ शुरू हो गया है.

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के उपाध्यक्ष ने बताया कि वैदिक पूजा-पाठ सोमवार से शुरू होकर मंगलवार को पूरे दिन चलेगा. इसके बाद 25 मार्च को ब्रह्म मुर्हूत में रामलला नए आसन पर पधारेंगे. इस तरह नवरात्र के पहले दिन रामलला समेत चारो भाइयों व हनुमानजी को बुलेटप्रूफ फाइबर के वातानुकूलित मंदिर में अनुष्ठानपूर्वक विराजित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि 25 मार्च की सुबह रामलला को नए अस्थायी भवन में सुबह चार बजे शिफ्ट किया जाएगा. कोरोना वायरस के कहर के कारण अब शिफ्ट करने के तमाम भव्य कार्यक्रमों को सीमित कर दिया गया है.

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इनपुट: आईएएनएस