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This Article is From Jan 17, 2024

अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति की होगी प्राण प्रतिष्ठा, यहां जानिए कौन हैं वह मूर्तिकार

Ram temple ayodhya : अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति रखी जाएगी. अयोध्या में बन रहे राममंदिर के रामलला की प्रतिमा बनाने का काम तीन मूर्तिकारों को सौंपा गया था.

अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति की होगी प्राण प्रतिष्ठा, यहां जानिए कौन हैं वह मूर्तिकार
Arun Yogiraj : अरुण योगीराज देश में कई बड़ी हस्तियों और देवी-देवताओं की मूर्ति बनाई है.

Ram Mandir Arun Yogiraj Murti: अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) की बनाई रामलला की मूर्ति रखी जाएगी. अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे राममंदिर (Ram Mandir) के रामलला की प्रतिमा बनाने का काम तीन मूर्तिकारों का सौंपा गया था. तीनों में से अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा (Pratima) का चयन किया गया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार कृष्णशिला पर बनाई गई मूर्ति का वजन 150 से 200 किलोग्राम है. आइए जानते हैं कौन हैं मूर्तिकार अरुण योगीराज.

6 माह अयोध्या में रहकर बनाई प्रतिमा

अरुण योगीराज ने अयोध्या में रहकर रामलला की मूर्ति पर लगातार लगभग 6 महीने तक काम किया है. उन्होंने रामलला के बालस्वरूप को दर्शाने के लिए लगभग 2000 बच्चों की तस्वीरें देखी.

नौकरी छोड़ चुना मूर्ति बनाने का काम

मैसूर के अरुण योगीराज देश में सबसे अधिक चर्चित मूर्तिकारों में से एक हैं. योगीराज अरुण अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी में मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. अरुण अपने पिता और दादा के कार्यों से प्रभावित होकर मूर्ति कला के इस क्षेत्र में कदम रखा था. उनके पूर्वज मैसूर के राजा के समय से मूर्ति कला के क्षेत्र में कार्यरत थे. अरुण एमबीए करने के बाद कॉरपोरेट क्षेत्र में नौकरी की थी लेकिन वापस मूर्तिकला के क्षेत्र में लौट आए.

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कई चर्चित मूर्तियां

अरुण योगीराज देश में कई बड़ी हस्तियों और देवी-देवताओं की मूर्ति बनाई है. इनमें इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पीछे लगी सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति भी शामिल है. उन्होंने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति से लेकर मैसूर में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा भी बनाया है.  

चोट की परवाह नहीं

अरुण के परिजनों के अनुसार मूर्ति बनाते समय अरुण दिन दुनिया से बेखबर हो गए थे. यहां तक कि उन्होंने बोबाइल तक से दूरी बना ली थी. उस समय में उन्होंने अपनी आंख मे लगी चोट की भी परवाह नहीं की. अरुण के परिजन उनकी मूर्ति का चयन होने से बहुत प्रसन्न हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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