Dharm Dhwaja Ke Darshan Ka Labh: सनातन परंपरा में किसी मंदिर के शिखर पर लगी धर्म ध्वजा या फिर कहें झंडा उस देव स्थान की उर्जा का केंद्र होता है. जिसे दूर से ही देखकर आस्थावान लोग उस मंदिर के प्रधान देवता के बारे में पता लगा लेते हैं. हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता का अपना अलग-अलग रंग और प्रतीक चिन्हों वाला ध्वज होता है. पौराणिक काल में न सिर्फ देवी-देवता बल्कि राजा-महाराज भी अपनी पहचान के लिए रथ पर ध्वज लगया करते थे. आइए धर्म ध्वजा के दर्शन का पुण्यफल और उसका धार्मिक महत्व विस्तार से जानते हैं.
देव दर्शन का पुण्यफल दिलाती है धर्म ध्वजा
हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी मंदिर में लगी हुई धर्म ध्वजा उस मंदिर में विराज देवी या देवता के समान पवित्र और पूजनीय होती है. यदि किन्ही कारणों के चलते आप किसी मंदिर के भीतर जाकर मुख्य देवता के दर्शन न कर पाएं तो आपको बिल्कुल भी अफसोस नहीं करना चाहिए, बल्कि बाहर से ही उस मंदिर के शिखर पर लगी धर्म ध्वजा के दर्शन करके उसका पुण्यफल प्राप्त करना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार धर्म ध्वजा के दर्शन मात्र से ही उस मंदिर में विराजमान देवी या देवता की पूजा का पूरा पुण्यफल प्राप्त हो जाता है.
धर्म ध्वजा के ज्योतिष उपाय
मंदिर के शिखर पर लगे ध्वज का जितना महत्व दर्शन और पूजन का होता है, उतना ही महत्व इसे किसी देवालय में चढ़ाने का माना गया है. ज्योतिष में तमाम ग्रहों की शुभता और देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिर में जाकर ध्वज को चढ़ाने का उपाय बताया जाता है. जैसे मंगल और हनुमान जी की कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन केसरिया ध्वज तो देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए लाल रंग का ध्वज मंदिर में चढ़ाया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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