
गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad) में भगवान जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Mandir) के मुख्य पुरोहित ने इस साल वार्षिक रथयात्रा का आयोजन नहीं होने पर बुधवार को निराशा प्रकट की और दावा किया कि जिनपर उन्होंने सबसे अधिक भरोसा किया, वह उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. किसी का नाम लिये बगैर जगन्नाथ मंदिर के महंत दिलीपदास जी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि 'किसी ने उनके साथ खेल खेला' जिसके कारण वह इस बार रथयात्रा नहीं निकाल पाये.
गुजरात उच्च न्यायालय ने कोरोनावायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित अहमदाबाद में पारंपरिक रथयात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद 23 जून को यहां भगवान जगन्नाथ मंदिर के परिसर में प्रतीकात्मक रथयात्रा आयोजित की गयी. मुख्य पुरोहित ने कहा, ''मैंने किसी पर पूरा विश्वास किया था, जो आखिरकार विश्वास पर खरा नहीं उतरा.''
बताया जाता है कि 143 वर्षों में पहली बार भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा के रथ रथयात्रा के मौके पर 400 वर्ष पुराने मंदिर से बाहर नहीं निकल नहीं पाये. गुजरात में यह एक लोकप्रिय धार्मिक कार्यक्रम है. दिलीप दास जी के बयानों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने अब भगवान को धोखा दे दिया.
विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा, ''भाजपा पिछले 25 सालों से गुजरात के लोगों को ठग रही है. अब सरकार ने भगवान को ठगना शुरू किया है.'' गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने कहा, ''दिलीप दासजी की तरह मैं और मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार भी परेशान हैं क्योंकि इस बार रथयात्रा नहीं निकली.'' उन्होंने कहा, ''जैसे ही उच्चतम न्यायालय ने अपने पिछले आदेश में संशोधन किया और कुछ शर्तों के साथ पुरी में रथयात्रा की अनुमति दी, हमने 22 जून को उच्च न्यायालय का रुख किया.''
उन्होंने कहा, ''उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए हमने उच्च न्यायालय से यहां रथयात्रा पर रोक हटाने की अपील की. लेकिन उच्च न्यायालय ने महामारी की मौजूदा स्थिति के चलते हमें अनुमति नहीं दी.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं