दिल्ली के कालकाजी मंदिर में अब नहीं चढ़ाई जा सकेंगी ये चीजें, प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध

Kalkali Mandir Prasad: कालकाजी मंदिर में भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार बड़ी मात्रा में चढ़ावा भी चढ़ाते हैं लेकिन अब यहां प्रसाद के रूप में कई चीजों को चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है.

दिल्ली के कालकाजी मंदिर में अब नहीं चढ़ाई जा सकेंगी ये चीजें, प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध

Kalkaji Mandir Prasad Ban: अब अपनी मनमर्जी का प्रसाद नहीं चढ़ा सकेंगे भक्त.

Kalkalji Mandir: नई दिल्ली में स्थित कालका जी मंदिर को शक्तिपीठ का दर्जा मिला हुआ है. यहां सालों भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है लेकिन नवरात्रि में बहुत ज्यादा श्रद्धालु माता के दर्शन को पहुंचते हैं. दूर-दूर से भक्त कालकाजी मंदिर में पूजा करने आते हैं. भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार बड़ी मात्रा में चढ़ावा भी चढ़ाते हैं लेकिन अब यहां प्रसाद के रूप में कई चीजों को चढ़ाने पर रोक (Ban) लगा दी गई है. आइए जानते हैं अब कालका जी मंदिर में प्रसाद के रूप में क्या चढ़ाया जा सकेगा और क्या नहीं.

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कालकाजी मंदिर में इन चीजों को चढ़ाने पर लगा प्रतिबंध 

मंदिर प्रशासन के निर्णय के अनुसार अब प्रसाद के रूप में एफएसएसआई (FSSI) से मान्यता प्राप्त पंचमेवा के पैकेट ही में चढ़ाए जा सकते हैं. इस पैकेट में काजू, किशमिश, नारियल और बादाम हो सकते हैं. मंदिर प्रशासन ने यह फैसला प्रसाद (Prasad) की क्वालिटी को लेकर आ रही शिकायतों के कारण लिया है. प्रशासन के अनुसार प्रसाद में चढ़ाए गए लड्‌डू और अन्य मिठाइयों के खराब होने की लगातार शिकायतें आ रही थीं. कई बार चढ़ाए गए नारियल सड़े हुए निकलते थे. अब मंदिर परिसर में ही पैकेट बंद प्रसाद मिलेगा और भक्तों को वही पैकेट प्रसाद के रूप में चढ़ाना होगा. यह पैकेट 20 रुपए से लेकर 100 रुपए तक में उपलब्ध होंगे.

इन पर लगा प्रतिबंध

मंदिर प्रशासन के अनुसार नारियल, पेड़ा और लड्‌डू (Laddu) जैसी चीजें चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह फैसला प्रसाद की खराब क्वालिटी और उसके कारण मंदिर परिसर में होने वाली गंदगी के कारण लिया गया है.

हर दिन पहुंचते हैं सैकड़ों भक्त

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दिल्ली स्थिति कालका जी मंदिर में हर दिन सैंकड़ों की संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मंदिर के विकास और भक्तों के लिए दर्शन को सुगम बनाने के लिए मंदिर में प्रशासक की नियुक्ति की गई है. मंदिर प्रशासन और भक्तों की सेहत को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ये बड़ा फैसला लिया है.