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This Article is From Apr 05, 2024

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत में करें शिव तांडव स्तोत्र का पाठ, मनचाहा जीवन देंगे भगवान भोलेनाथ

ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत को लेकर एक ऐसा उपाय बताया गया है, जिससे भगवान शिव बहुत जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और हर समस्याओं से छुटकारा मिलता है. 

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत में करें शिव तांडव स्तोत्र का पाठ, मनचाहा जीवन देंगे भगवान भोलेनाथ
Shiv tandav stotram lyrics : सनातन धर्म में भगवान शिव का स्थान सर्वोच्च माना गया है.

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत बेहद शुभ फलदायी माना जाता है. प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर ये व्रत किया जाता है. इस चैत्र माह 6 अप्रैल को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. इस व्रत में भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मन से पूजा-अर्चना करने से भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं. ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत को लेकर एक ऐसा उपाय बताया गया है, जिससे भगवान शिव बहुत जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और हर समस्याओं से छुटकारा मिलता है. 

प्रदोष व्रत 2024 का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग में बताया गया है कि चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 6 अप्रैल सुबह 10.19 बजे से अगले दिन यानी 7 अप्रैल को सुबह 6.53 बजे तक है. ऐसे में प्रदोष व्रत 6 अप्रैल को ही रखा जाएगा. संध्याकाल में भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है.

भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय

सनातन धर्म में भगवान शिव का स्थान सर्वोच्च माना गया है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन शिव-पार्वती की पूजा और व्रत का विधान है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से साधक को शुभ फल मिलता है. ऐसे में अगर आप भी इस व्रत से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें. माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव हर तरह से शुभ फल देते हैं, कुंडली में शनि ग्रह का दुष्प्रभाव भी कम हो जाता है और कालसर्प दोष और कालसर्प योग से छुटकारा मिल जाता है.

प्रदोष व्रत के शुभ फल प्राप्त करने के उपाय

1. जीवन में हर संकट को दूर करने के लिए प्रदोष व्रत में शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें. मान्यता है कि यह भगवान शिव को सबसे प्रिय है और इसे सुनकर प्रभु भक्त के पास चले आते हैं.

2. प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. थोड़ा सा जल घर लेकर आएं और घर के मंदिर में रख दें. प्रदोष व्रत के पारण में इसी जल को ग्रहण करें.

3. मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर भांग, मदार, बेलपत्र और सफेद पुष्प अर्पित करने से पति-पत्नी के रिश्ते मधुर होते हैं और हर बाधाएं दूर होती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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