विज्ञापन
This Article is From Sep 15, 2021

Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में इन बातों का रखेंगे ध्यान, तो जरूर मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

Pitru Paksha 2021 Date: हिंदू धर्म में श्राद्ध पर्व का विशेष महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या यानी 16 दिनों तक श्राद्ध पर्व मनाया जाता है. आइये जानते हैं इससे जुड़ी खास जानाकरियां.

Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में इन बातों का रखेंगे ध्यान, तो जरूर मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में इन चीजों को ना करें नजरअंदाज
नई दिल्ली:

Pitru Paksha Puja Niyam: पितृ पक्ष का आरंभ इस साल 20 सितंबर से हो रहा है. पितृपक्ष में पूर्वजों को याद करके दान धर्म करने की परंपरा है. हिन्दू धर्म में इन दिनों का खास महत्व है. पितृ पक्ष पर पितरों की मुक्ति के लिए कर्म किये जाते हैं. एक पक्ष तक चलने वाले इस श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण विधि-विधान से किया जाता है. श्राद्ध पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन यानि कि 6 अक्टूबर 2021 को होगा. श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों को प्रसन्न करने से है. हिंदू धर्म में श्राद्ध पर्व का विशेष महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या यानी 16 दिनों तक श्राद्ध पर्व मनाया जाता है. आइये जानते हैं इससे जुड़ी खास जानाकरियां.

पितरों के लिए करें ये कार्य

सर्वप्रथम अपने पूर्वजों की इच्छा अनुसार, दान-पुण्य का कार्य करें. दान में सर्वप्रथम गौदान करना चाहिए. इसके बाद घी, चांदी, पैसा, फल, नमक, तिल, स्वर्ण, वस्त्र व गुड़ का दान करें. ध्यान रखें कि यह दान संकल्प करवाने के बाद ही अपने पुरोहित या ब्राह्मण को देना चाहिए. श्राद्ध पक्ष में यह दान तिथि अनुसार, ही करें. ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

pog8ql1g

Pitru Paksha 2021:  ऐसे पायें पितरों का आशीर्वाद

पक्ष में श्राद्ध की तिथियां (Pitru Paksha 2021 date)

  • पूर्णिमा श्राद्ध - 20 सितंबर.
  • प्रतिपदा श्राद्ध - 21 सितंबर.
  • द्वितीया श्राद्ध - 22 सितंबर.
  • तृतीया श्राद्ध - 23 सितंबर.
  • चतुर्थी श्राद्ध - 24 सितंबर.
  • पंचमी श्राद्ध - 25 सितंबर.
  • षष्ठी श्राद्ध - 27 सितंबर.
  • सप्तमी श्राद्ध - 28 सितंबर.
  • अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर.
  • नवमी श्राद्ध - 30 सितंबर.
  • दशमी श्राद्ध - 1 अक्टूबर.
  • एकादशी श्राद्ध - 2 अक्टूबर.
  • द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर.
  • त्रयोदशी श्राद्ध - 4 अक्टूबर.
  • चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर.
  • अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्टूबर.

पितरों से करें दया दृष्टि की प्रार्थना

किसी भी कारण हुई गलती या पश्चाताप के लिए आप पितरों से क्षमा मांग सकते हैं. अगर आप किसी अपराध बोध से ग्रसित हैं तो ऐसी स्थिति में आप अपने गुरु से अपनी बात कहकर, अपने पितरों से क्षमा मांगें और उनकी तस्वीर पर तिलक करें. इसके साथ ही आप रोजाना नियमित रूप से संध्या समय में तिल के तेल का दीपक जरूर प्रज्वलित करें. साथ ही अपने परिवार सहित उनकी तिथि पर भोजन बांटें और अपनी गलती को स्वीकार कर क्षमा याचना मांगें. इन प्रयासों से आपके पितृ प्रसन्न भी होंगे.

341ts9m

Pitru Paksha 2021: जानिये इस दिन का महत्व 

श्राद्ध कर्म की पूजा विधि

ज्ञात हो कि अगर पूर्वज पूर्णिमा के दिन गए हैं तो पूर्णिमा के दिन ही श्राद्ध ऋषियों को समर्पित होता है. पूर्वज जिनकी वजह से आपका गोत्र है. उनके निमित तर्पण करवाएं. वहीं, दिवंगत की तस्वीर को सामने रख, उन्हें सफेद चंदन का तिलक कर चंदन की माला पहनायें. इसके साथ ही अपने पितरों को इलायची, केसर, शक्कर, शहद से बनीं खीर अर्पित करें. इसके साथ ही गाय के गोबर के उपले में अग्नि प्रज्वलित कर अपने पितरों के निमित तीन पिंड बना कर आहुति दें. इसके बाद कौआ, गाय और कुत्तों को भी प्रसाद खिलाएं. इनके बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और स्वयं भी भोजन करें.

श्राद्ध करते समय इन बातों का रखें ख्याल

इसका बात का विशेष तौर पर ख्याल रखें कि जब आप श्राद्ध कर्म कर रहे हो तो कोई उत्साह वर्धक कार्य नहीं करें. श्राद्ध पितरों के निमित्त भावभीनी श्रंद्धाजलि का समय होता है. ध्यान रखेंगे कि इस दिन तामसिक भोजन न करें. परिवार के प्रत्येक सदस्य द्वारा दिवंगत आत्मा हेतु दान जरूर करवाएं और उन्हें पुष्पांजलि दें. जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन करवाएं और वस्त्र दान दें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
गणेश भगवान की पूजा में बप्पा को लगाएं इन 7 चीजों का भोग, खुश होंगे गणपति
Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में इन बातों का रखेंगे ध्यान, तो जरूर मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
क्यों नहीं कांवड़िए यात्रा के दौरान लेते हैं एक दूसरे का नाम, जानिए आखिर कौन सी कांवड़ यात्रा होती है सबसे कठिन
Next Article
क्यों नहीं कांवड़िए यात्रा के दौरान लेते हैं एक दूसरे का नाम, जानिए आखिर कौन सी कांवड़ यात्रा होती है सबसे कठिन
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com