Parsi New Year : जानें पारसी न्यू ईयर का इतिहास, परंपरा और कब मनाया जाता है यह दिन

Parsi New Year 2021 : इस साल 16 अगस्त यानी आज पारसी समुदाय के लोग उत्साह और उमंग के साथ पारसी न्यू ईयर का त्यौहार मनाएंगे. इस दिन उपासना स्थलों पर अग्नि को चंदन की लकड़ी समर्पित करेंगे और एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देंगे.

Parsi New Year : जानें पारसी न्यू ईयर का इतिहास, परंपरा और कब मनाया जाता है यह दिन

पारसी समुदाय के लोग अपनी परंपराओं से जुड़े हुए हैं. इन्हीं परंपराओं में से एक है नवरोज. 

नई दिल्‍ली :

Parsi New Year 2021 : पारसी नव वर्ष (new year) पारसी समुदाय (community) के लिए बेहद आस्था का विषय है. इस दिन को पारसी समुदाय के लोग उत्साह के साथ मनाते हैं. पारसी समुदाय के लोग अपनी परंपराओं से जुड़े हुए हैं. इन्हीं परंपराओं में से एक है नवरोज. नवरोज एक फारसी शब्द है. जो "नव" और "रोज" से मिलकर बना है. नवरोज में नव का अर्थ होता है "नया" और रोज का "अर्थ" दिन है. इसलिए नवरोज को एक नए दिन के प्रतीक के रूप में उत्सव की तरह मनाया जाता है. ईरान में नवरोज को "ऐदे नवरोज" कहा जाता है. दुनिया भर में करीब 300 मिलियन से ज्यादा लोगों के द्वारा नवरोज उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. नववर्ष नवरोज के लिए पारसी लोग साल भर इंतजार करते हैं.  इस खास दिन कुटुंब (परिवार) सभी लोग एक साथ मिलकर इसे फेस्टिवल के रूप में मनाते हैं.

नववर्ष नवरोज मनाने के लिए पीछे क्या है इतिहास 

जानकारी के मुताबिक करीब तीन हजार साल पहले ईरान में शाह जमदेश ने सिंहासन ग्रहण किया था, उस दिन को पारसी समुदाय में नवरोज कहा गया. आगे चलकर इस दिन को जरथुस्त्र वंशियों के लिए द्वारा नए वर्ष के पहले दिन के रूप में मनाया जाने लगा. दुनिया के प्रमुख देश जैसे ईरान, पाकिस्तान, भारत, ताजिकिस्तान, इराक, लेबनान, बहरीन में नववर्ष को नवरोज के रूप में को मनाया जाता है.

नवरोज को मनाने की परंपरा 

पारसी समुदाय में नवरोज के त्यौहार को मनाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. इस दिन जरथुस्त्र की तस्वीर, मोमबत्ती, कांच, सुगंधित अगरबत्ती, शक्कर, सिक्के जैसी पवित्र चीजें एक जगह रखी जाती हैं. पारसी समुदाय में ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार में सुख - समृद्धि बढ़ती है. नवरोज के दिन परिवार से सभी लोग प्रार्थना स्थलों पर जाते हैं. पुजारी को धन्यवाद देने वाली प्रार्थना विशेष रूप से करते हैं. पवित्र अग्नि में चन्दन की लकड़ी चढ़ाने की परंपरा भी है. उपासना स्थल पर चन्दन की लकड़ी अग्नि को समर्पित करने के बाद पारसी समुदाय के लोग एक दूसरे नवरोज की शुभकामनाएं देते हैं.

कब मनाया जाएगा पारसी न्यू ईयर 

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साल 2021 में पारसी न्यू ईयर अगस्त महीने की 16 तारीख यानी आज मनाया जा रहा है. पारसी न्यू ईयर को जमशेदी नवरोज, नवरोज, पतेती और खोरदाद साल के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व पारसियों के लिए बेहद खास होता है, इसे वे सब मिलकर धूमधाम के साथ मनाते हैं. वैसे ये त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. 21 मार्च को भी पारसी समुदाय नवरोज मनाता है.