Parivartini Ekadashi 2022 Shubh Yog: परिवर्तिनी एकादशी हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस साल परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi 2022 Date) 06 सितंबर, मंगलवार को यानी आज है. परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi 2022) का दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना के लिए खास होता है. दरअसल इस दिन भगवान विष्णु पाताल लोक में करवट बदलते हैं. इस दिन व्रत रखा जाता है और इसके अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है. इस साल परिवर्तिनी एकादशी पर खास संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं कि परिवर्तिनी एकादशी (Donts of Parivartini Ekadashi) के दिन कौन-कौन से कार्य नहीं किए जाते हैं.
परिवर्तिनी एकादशी पर भगवान विष्णु बदलते हैं करवट
पौराणिक मान्यता के अनुसार, चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु पाताल लोक में शयन में रहते हैं. कहा जाता है कि भगवान इस चार महीनों में पूर्ण रूप योगनिद्रा में रहते हैं. लेकिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु करवट बदलते हैं. यही कारण है कि इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. मान्यतानुसार, परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखने से पाजपेय यज्ञ जितना पुण्य प्राप्त होता है.
परिवर्तिनी एकादशी शुभ संयोग | Parivartini Ekadashi Shubh Yog
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस बार परिवर्तिनी एकादशी पर खास संयोग बनने जा रहा है. इस दिन सूर्योदय के साथ ही खास योग के निर्माण का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही 06 सितंबर की सुबह मित्र योग, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग और रवियोग का खास संयोग बन रहा है. इसके अलावा एकादशी पर 4 ग्रह सूर्य, बुध, गुरु औ शनि अपनी स्वराशि में मौजूद रहेंगे. ऐसे में व्रत का प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाएगा.
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परिवर्तिनी एकादशी पर क्या ना करें | Donts on Parivartini Ekadashi
परिवर्तिनी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं किया जाता है. ऐसे में इस दिन जो लोग व्रत रखें या जो ना भी रखें वे चावल का सेवन ना करें. माना जाता है इस दिन चावल का सेवन करने से मन चंचल रहता है.
परिवर्तिनी एकादशी के दिन मांस, मदीरा का सेवन ना करें. मान्यता है कि जो लोग एकादशी का व्रत ना भी करें, वे इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहें और सात्विक भोजन को ही प्रधानता दें.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी के दिन ना तो किसी को बुरा बोलें और ना ही क्रोध करें. एकादशी के दिन अपना अधिक से अधिक समय भगवान विष्णु की भक्ति में ही लगाएं.
एकादशी का व्रत रखने वालों को इस दिन पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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