चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचिनी एकादशी (Papmochani Ekadashi ) कहा जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि पापमोचिनी का व्रत करने से जीवन के सभी पाप धुल जाते हैं और पिचाश योनी से मुक्ति मिलती है. इस व्रत को करने से पितर प्रसन्न होते हैं. पापमोचिनी एकादशी को पूजा-पाठ के साथ-साथ कुछ बातों का ध्यान रखने से व्रत का पूरा लाभ प्राप्त होता है. इस साल 5 अप्रैल के दिन रखा जाएगा पापमोचिनी एकादशी का व्रत. आइए जानते हैं पापमोचिनी एकादशी पर क्या करने की होती है मनाही.
काले वस्त्र की मनाहीपापमोचिनी एकादशी और भगवान विष्णु से जुड़े हर व्रत में काले रंग के वस्त्र पहनने की मनाही होती है. पापमोचिनी एकादशी को भूलकर भी काले रंग के वस्त्र न पहने. काला रंग (Black Color) नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है और इसे व्रत व त्योहार पर नहीं पहना जाता है.
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दातून करने की मनाहीपापमोचिनी एकादशी को दातुन करने की मनाही होती है. कहते हैं इस दिन आम के पत्ते चबाकर मुंह साफ करना चाहिए. पानी से बार-बार कुल्ला करके भी मुंह की सफाई की जा सकती है.
इनका न करें सेवनपापमोचिनी एकादशी के दिन कुछ चीजों के सेवन की मनाही होती है. इस दिन चावल, साग, प्याज, लहसुन, मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इस नियम की अनदेखी से व्रत भंग हो जाता है और व्रत का फल मिलने की जगह पाप का भागी बनना पड़ता है.
नाखून काटने की महानीपापमोचिनी एकादशी के दिन नाखुन नहीं काटने चाहिए. इस दिन नाखुन काटने से घर में दरिद्रता का वास होता है और दुर्भाग्य (Bad luck) पीछा नहीं छोड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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