प्रतीकात्मक चित्र
कुरु वंश के पांच पांडवों- युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पूरे भारत में कई मंदिरों और देवालयों की स्थापना की थी. मान्यता है कि इन आठ शिव मंदिरों और इनमें स्थापित शिवलिंगों की स्थापना पांडवों ने ही की थी.
गंगेश्वर महादेव मंदिर - दीव
यह मंदिर भारत के संघ शासित क्षेत्र दीव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां पांच शिवलिंग एक साथ स्थापित हैं. कहा जाता है पांडवो ने अपने वनवास और अज्ञातवास के दौरान यहां पर इन शिवलिंगों की स्थापना की थी.
भयहरण महादेव मंदिर – प्रतापगढ़, यूपी
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में स्थित इस मंदिर में लोग अपने मन की उलझन और भय को दूर करने के लिए आते हैं. मान्यता है कि इस शिव मंदिर की स्थापना भी पांडवों ने अज्ञातवाश के दौरान की थी.
ममलेश्वर महादेव - हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के ममलेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना भी पांडवों ने अज्ञातवाश के दौरान की थी. यहां गेहूं का एक दाना भी रखा हुआ है, जिसका वजन 200 ग्राम है. इसे पांडवकालीन माना जाता है.
पडिला महादेव मंदिर - इलाहाबाद, यूपी
इलाहाबाद स्थित इस मंदिर को पांडेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इलाहाबाद और प्रतापगढ़ के बीच स्थित इस मंदिर के शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि अंग देश और मगध की यात्रा के दौरान पांडवों ने यह शिवलिंग ऋषि भारद्वाज कहने पर स्थापित किया था.
लोधेश्वर महादेव मंदिर – बाराबंकी, यूपी
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रामनगर तहसील में स्थित इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान महर्षि वेदव्यास की आज्ञा से यज्ञ कर यहां शिवलिंग की स्थापना की थी.
स्थानेश्वर मंदिर - हरियाणा
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थापित स्थानेश्वर शिवलिंग को लेकर माना जाता है कि महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण ने इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की थी.
कालीनाथ शिव मंदिर - हिमाचल प्रदेश
कालीनाथ शिव मंदिर हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में स्थित है. यहां स्थापित शिवलिंग को कालीनाथ महाकालेश्वर के नाम से पूजा जाता है. कहा जाता है कि पांडवों ने इसकी स्थापना लाक्षागृह से जीवित बचने के बाद की थी.
लाखामंडल मंदिर - उत्तराखंड
लाखामंडल के बारे में मान्यता है कि लाक्षागृह से बच निकलने के बाद पांडव बहुत समय तक यहां रुके थे. इसी दौरान उन्होंने यहां एक शिवलिंग की स्थापना की थी.
गंगेश्वर महादेव मंदिर - दीव
यह मंदिर भारत के संघ शासित क्षेत्र दीव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां पांच शिवलिंग एक साथ स्थापित हैं. कहा जाता है पांडवो ने अपने वनवास और अज्ञातवास के दौरान यहां पर इन शिवलिंगों की स्थापना की थी.
भयहरण महादेव मंदिर – प्रतापगढ़, यूपी
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में स्थित इस मंदिर में लोग अपने मन की उलझन और भय को दूर करने के लिए आते हैं. मान्यता है कि इस शिव मंदिर की स्थापना भी पांडवों ने अज्ञातवाश के दौरान की थी.
ममलेश्वर महादेव - हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के ममलेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना भी पांडवों ने अज्ञातवाश के दौरान की थी. यहां गेहूं का एक दाना भी रखा हुआ है, जिसका वजन 200 ग्राम है. इसे पांडवकालीन माना जाता है.
पडिला महादेव मंदिर - इलाहाबाद, यूपी
इलाहाबाद स्थित इस मंदिर को पांडेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इलाहाबाद और प्रतापगढ़ के बीच स्थित इस मंदिर के शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि अंग देश और मगध की यात्रा के दौरान पांडवों ने यह शिवलिंग ऋषि भारद्वाज कहने पर स्थापित किया था.
लोधेश्वर महादेव मंदिर – बाराबंकी, यूपी
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रामनगर तहसील में स्थित इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान महर्षि वेदव्यास की आज्ञा से यज्ञ कर यहां शिवलिंग की स्थापना की थी.
स्थानेश्वर मंदिर - हरियाणा
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थापित स्थानेश्वर शिवलिंग को लेकर माना जाता है कि महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण ने इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की थी.
कालीनाथ शिव मंदिर - हिमाचल प्रदेश
कालीनाथ शिव मंदिर हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में स्थित है. यहां स्थापित शिवलिंग को कालीनाथ महाकालेश्वर के नाम से पूजा जाता है. कहा जाता है कि पांडवों ने इसकी स्थापना लाक्षागृह से जीवित बचने के बाद की थी.
लाखामंडल मंदिर - उत्तराखंड
लाखामंडल के बारे में मान्यता है कि लाक्षागृह से बच निकलने के बाद पांडव बहुत समय तक यहां रुके थे. इसी दौरान उन्होंने यहां एक शिवलिंग की स्थापना की थी.
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