जानिए ओणम पर केरल में 'सद्या' का क्‍या है महत्‍व

पुरानी मान्यताओं के अनुसार, राजा महाबली का शासन राज्य के लिए स्वर्णिम काल रहा. माना जाता है कि राजा महाबली वार्षिक दौरे पर अपनी प्रजा को देखने आते हैं, इसी को लेकर ओणम मनाया जाता है.

जानिए ओणम पर केरल में 'सद्या' का क्‍या है महत्‍व

खास बातें

  • ओणम पर 26 पकवानों वाले सद्या को एक पत्ते पर परोसा जाता है
  • तिरु ओणम सद्या सबसे लोकप्रिय है.
  • ओणम मलयालम कैलेंडर के प्रथम माह चिनगम में पड़ता है

ओणम त्योहार का सबसे खास दिन तिरु ओणम पूरे केरल में मनाया गया, जिसके तहत अधिकांश केरलवासियों ने 26 पकवानों के पारंपरिक सद्या का आनंद उठाया. ओणम मलयालम कैलेंडर के प्रथम माह चिनगम में पड़ता है. ओणम कैलेंडर में हालांकि 'सद्या' तिरु ओणम के एक दिन पहले और उसके बाद वाले दिन भी खाया जाता है. तिरु ओणम सद्या सबसे लोकप्रिय है. इसे धर्म से परे जाकर सभी घरों में पकाया जाता है.

पुरानी मान्यताओं के अनुसार, राजा महाबली का शासन राज्य के लिए स्वर्णिम काल रहा. माना जाता है कि राजा महाबली वार्षिक दौरे पर अपनी प्रजा को देखने आते हैं, इसी को लेकर ओणम मनाया जाता है.
 


ओणम पर 26 पकवानों वाले सद्या को एक पत्ते पर परोसा जाता है. पत्तों की मांग की वजह से एक पत्ते की कीमत 10 रुपये से ज्यादा हो जाती है.

पुराने लोग 'सद्या' के हर पकवान को पत्ते पर खास तरीके व क्रम में परोसते हैं. इन व्यंजनों में कई तरह के अचार, कई तरह की सब्जियां, केले के चिप्स, कच्चे केले की मिठाई व अन्य तरह के पकवान शामिल होते हैं.

न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
 
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