फोटो साभार: काशी विश्वनाथ मंदिर फेसबुक कम्यूनिटी
वाराणसी स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान शिव को समर्पित काशी विश्वनाथ मंदिर का स्वर्ण शिखर झुक रहा है। यह जानकारी मंदिर के वास्तु की एक जांच में सामने आई है।
इस जांच टीम के अनुसार, विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की सतह कुछ नीचे हो गई है और दोनों स्वर्ण शिखर थोड़े झुक गए हैं। माना जा रहा है कि विश्वनाथ मंदिर की भवनों पर लगे सिंथेटिक पेंट की वजह से मंदिर की पत्थरों को नुकसान पहुंचा है।
कमजोर पड़ रही है मंदिर की नींव
विश्वनाथ मंदिर परिसर में लगातार सीलन बढ़ रहा है, इससे इसकी नींव कमजोर पड़ रही है। लेकिन मंदिर के स्वर्ण शिखर के झुके होने की अभी वैज्ञानिक जांच होनी है। इस बात की पुष्टि के लिए विश्वनाथ मंदिर की पुरानी तस्वीरों की जांच की जाएगी।
इसके लिए अंग्रेज चित्रकार जेम्स प्रिंसेप के स्केच (ड्राइंग) को भी देखा जाएगा। सूक्ष्म जांच के बाद इसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजी जाएगी।
सन 1777 में हुआ था मंदिर का पुनर्निर्माण
विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण सन 1777 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। सन 1853 में पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के दोनों शिखरों को 22 टन सोने से स्वर्णमंडित करवाया था।
उल्लेखनीय है विश्वनाथ मंदिर 30 वर्ग फीट में बनी है। इसके शिखर की ऊंचाई 51 फीट है। इसके पांच पंडप भी महारानी अहिल्याबाई ने ही बनवाए थे।
इस जांच टीम के अनुसार, विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की सतह कुछ नीचे हो गई है और दोनों स्वर्ण शिखर थोड़े झुक गए हैं। माना जा रहा है कि विश्वनाथ मंदिर की भवनों पर लगे सिंथेटिक पेंट की वजह से मंदिर की पत्थरों को नुकसान पहुंचा है।
कमजोर पड़ रही है मंदिर की नींव
विश्वनाथ मंदिर परिसर में लगातार सीलन बढ़ रहा है, इससे इसकी नींव कमजोर पड़ रही है। लेकिन मंदिर के स्वर्ण शिखर के झुके होने की अभी वैज्ञानिक जांच होनी है। इस बात की पुष्टि के लिए विश्वनाथ मंदिर की पुरानी तस्वीरों की जांच की जाएगी।
इसके लिए अंग्रेज चित्रकार जेम्स प्रिंसेप के स्केच (ड्राइंग) को भी देखा जाएगा। सूक्ष्म जांच के बाद इसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजी जाएगी।
सन 1777 में हुआ था मंदिर का पुनर्निर्माण
विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण सन 1777 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। सन 1853 में पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के दोनों शिखरों को 22 टन सोने से स्वर्णमंडित करवाया था।
उल्लेखनीय है विश्वनाथ मंदिर 30 वर्ग फीट में बनी है। इसके शिखर की ऊंचाई 51 फीट है। इसके पांच पंडप भी महारानी अहिल्याबाई ने ही बनवाए थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
काशी विश्वनाथ मंदिर, मंदिर , मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महारानी अहिल्याबाई, Kashi Vishwanath Temple, Mandir, Temple, CM Akhilesh Yadav, Ahilyabai Holkar