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This Article is From Mar 04, 2022

Meen Sankranti 2022: इस दिन पड़ रही है मीन संक्रांति, जानिए पूजा विधि और महत्व

शास्त्रों में मीन संक्रांति का विशेष महत्व बताया गया है. मीन संक्रांति पर भगवान सूर्य की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. कहा जाता है ऐसा करने से नकारात्मकाता दूर होती है और ऊर्जा की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. कहते हैं ऐसा करने से जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है.

Meen Sankranti 2022: इस दिन पड़ रही है मीन संक्रांति, जानिए पूजा विधि और महत्व
Meen Sankranti 2022: मान्यता है कि मीन संक्रांति पर दान करने से सुख-समुद्धि में होती है वृद्धि

Meen Sankranti Date 2022: सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में मीन संक्रांति का विशेष महत्व (Significance) है. हिंदू कैलेंडर (Hindu calendar) के मुताबिक, हर माह एक संक्रांति तिथि (Sankranti Tithi) पड़ती है. इस क्रम में पूरे साल में कुल 12 संक्रांति तिथि पड़ती हैं. मीन संक्रांति को साल के आखिरी माह की संक्रांति के रूप में मनाते हैं. कहते हैं कि हर माह सूर्य (Sun) अपना राशि परिवर्तन कर एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिसे संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. वहीं, इस समय को खरमास (Kharmas) या फिर मलमास (Malmas) भी कहते हैं.

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इस बार सूर्य मीन राशि मे 14 व 15 मार्च में मध्य रात्रि 12:15 बजे प्रवेश करेगा, जिसे मीन संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों (Holy Rivers) में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. कहते हैं ऐसा करने से जीवन में खुशहाली (Happiness) और सुख-समृद्धि आती है.

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ओडिशा (Odisha) में मीन संक्रांति बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है. मीन संक्रांति पर भगवान सूर्य देव (Lord Surya) की विधि-विधान से पूजा-अर्चना (Worshiped) की जाती है. कहा जाता है ऐसा करने से नकारात्मकाता दूर होती है और ऊर्जा की प्राप्ति होती है.

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मीन संक्रांति का महत्व | Significance Of Meen Sankranti 2022

शास्त्रों में मीन संक्रांति का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक दृष्टि से भी इस दिन को पवित्र और शुभ माना जाता है. मीन संक्रांति पर भगवान सूर्य की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. कहा जाता है ऐसा करने से नकारात्मकाता दूर होती है और ऊर्जा की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि मीन संक्रांति से सूरज की गति उत्तरायण की तरफ बढ़ रही होती है. उत्तरायण होते ही सूर्य के कारण दिन का समय बढ़ने लगता है और रात्रि छोटी होने लगती हैं.

शास्त्रों के मुताबिक, यह वह समय होता है जब प्रकृति में नया सृजन होता है. माना जाता है कि इस दौरान उपासना, ध्यान, योग करने से तन-मन और बुद्धि को पुष्ट होती है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है.

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मीन संक्रांति की पूजा विधि | Puja Vidhi Of Meen Sankranti 2022

  • प्रातः सूर्योदय के समय किसी पवित्र नदी में स्नान करें.
  • अगर पवित्र नदियों में स्नान करना संभव ना हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
  • स्नान के बाद सूर्यदेव को प्रणाम करके उन्हें अर्घ्य दें.
  • इस दिन मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करना शुभ माना जाता है.
  • घर पर पूजा के समय धूप, दीप, फल, फूल, मिष्ठान आदि से भगवान की पूजा-आराधना करें.
  • संभव हो तो पूजन के बाद क्षमतानुसार ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र आदि का दान करें.
  • पूजन के समय वैदिक मंत्रों का जाप करना फलदायी माना जाता है.

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मीन संक्रांति के दिन दान का महत्व | Importance Of Charity On Meen Sankranti 2022

  • इस दिन अपने आराध्य देवी-देवता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.
  • मीन संक्रांति के दिन सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है.
  • इस दिन तिल, वस्त्र और अनाज का दान करना शुभ माना जाता है.
  • मीन संक्रांति के दिन गाय को चारा खिलाना अति उत्तम माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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