पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए मॉरीशस के राष्‍ट्रपति ने गया में किया पिंडदान, व‍िष्‍णुपद मंदिर में की पूजा-अर्चना

मॉरीशस के राष्ट्रपति रूपन ने पिंडदान करने के बाद अक्षयवट में पिंड का विसर्जन किया. पिंडदान करने के बाद वह विष्णुपद मंदिर गए, जहां उन्होंने भगवान विष्णु के चरण की पूजा-अर्चना की.

पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए मॉरीशस के राष्‍ट्रपति ने गया में किया पिंडदान, व‍िष्‍णुपद मंदिर में की पूजा-अर्चना

मॉरीशस के राष्‍ट्रपति ने गया में पिंड दान करने के बाद विष्‍णुपद में पूजा-अर्चना भी की

गया:

मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन ने बुधवार को मोक्षनगरी के नाम से प्रसिद्ध बिहार में गया के विष्णुपद मंदिर परिसर में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तीन प्रमुख पिंडस्थलों पर पिंडदान किया. 

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मॉरीशस के राष्ट्रपति रूपन ने पिंडदान करने के बाद अक्षयवट में पिंड का विसर्जन किया. पिंडदान करने के बाद वह विष्णुपद मंदिर गए, जहां उन्होंने भगवान विष्णु के चरण की पूजा-अर्चना की.

रूपन ने इस मौके पर कहा, "हमने परिवार के साथ पूजा अर्चना की है. गया आने से हमारे पूरे परिवार के मन को बहुत शांति मिली है. यहां से लौटने के बाद मॉरीशस जाकर लोगों को यहां आने के लिए प्रोत्साहित करुंगा और उन्हें कहेंगे कि वे एक बार जरूर विष्णुपद मंदिर में जाएं और वहां जाकर श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करें."

उन्होंने कहा कि ऐसे भी हमारे पूर्वज गया जिले की मिट्टी में पैदा हुए थे और रोजी-रोटी के लिए मॉरीशस चले गए थे.

मॉरीशस के राष्ट्रपति ने कहा, "मेरा बिहार से पुराना लगाव रहा है, इसलिए यहां की मिट्टी को हम नमन करते हैं." इसके बाद राष्ट्रपति नालंदा के लिए रवाना हो गए.

इस दौरान गजाधर लाल पंडा ने राष्ट्रपति के पूरे कर्मकांड को संपन्न करवाया. पिंडदान कराने वाले पुरोहित गजाधर लाल पंडा ने कहा कि राष्ट्रपति ने तीन पिंडदान स्थलों पर श्रद्धा के साथ पिंडदान किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के साथ उनके रिश्ते में भाई ने भी पिंडदान किया.

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इससे पहले रूपन ने मंगलवार की शाम महाबोधि मंदिर में पूजा अर्चना की थी.