Masik Shivratri: पंचांग के अनुसार, हर महीने की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इस खास मौके पर भगवान शिव की पूजा की जाती है. माना जाता है कि जो भक्त भोलेनाथ की पूजा करते हैं उनके जीवन के सभी दुख भोलेनाथ हर लेते हैं. वहीं, मान्यतानुसार भोलेनाथ (Lord Shiva) इस दिन सभी की मनोकामनाएं सुनते हैं. भाद्रपद माह की मासिक शिवरात्रि आज, 13 सितंबर के दिन मनाई जा रही है. जानिए किस तरह भगवान शिव की पूजा (Shiv Puja) की जा सकती है.
मासिक शिवरात्रि की पूजा | Masik Shivratri Puja
पौराणिक कथाओं के अनुसार चतुर्दशी तिथि की रात्रि ही भगवान शिव और माता पार्वती (Mata Parvati) का विवाह हुआ था जिस चलते हर माह की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह भाद्रपद का महीना चल रहा है इसीलिए इसे भाद्रपद मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं.
भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की आज 13 सितंबर के दिन रात 2 बजकर 21 मिनट पर हो चुकी है और यह तिथि कल सुबह 4 बजकर 48 मिनट तक रहने वाली है. इस दौरान ही भगवान शिव की पूजा की जाती है. आज रात पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से कल सुबह 12 बजकर 40 मिनट तक माना जा रहा है.
मासिक शिवरात्रि की पूजा करने के लिए भक्त सुबह सवेरे उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं. इसके बाद भक्त भोलेनाथ और मां पार्वती का ध्यान करके व्रत (Shivratri Vrat) का संकल्प लेते हैं. भोलेनाथ के समक्ष पूजा स्थान पर दीप प्रज्ज्वलित किया जाता है. भक्त मंदिर जाते हैं और शिवलिंग की पूजा व अभिषेक करते हैं. शिवलिंग पर धतूरा, फूल, बेलपत्र, दूध और गंगाजल आदि अर्पित किए जाते हैं. पूजा के दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप किया जाता है और आरती के बाद भोग लगाया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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