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आज मासिक शिवरात्रि पर बन रहे हैं 4 खास योग, मान्यतानुसार भगवान शिव की अराधना से दूर हो जाएंगे सभी कष्ट

ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं जिस चलते इस शिवरात्रि का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि पर कौन-कौन से खास योग बन रहे हैं.

आज मासिक शिवरात्रि पर बन रहे हैं 4 खास योग, मान्यतानुसार भगवान शिव की अराधना से दूर हो जाएंगे सभी कष्ट
हर महीने रखा जाता है मासिक शिवरात्रि का व्रत.

Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का व्रत प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी की तिथि को रखा जाता है. ज्येष्ठ माह में 4 जून मंगलवार को मासिक शिवरात्रि मनाई जा रही है. शिव पुराण में मासिक शिवरात्रि के महत्व के बारे में बताया गया है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं जिस चलते इस शिवरात्रि का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि पर कौन-कौन से खास योग बन रहे हैं.

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ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि पर बन रहे हैं योग

ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास योग बन रहा है. इस योग में महादेव की पूजा से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्ध योग का भी निर्माण हो रहा है.

भद्रावास योग - ज्योतिष के विद्वानों ने भद्रावास योग (Bhadravas Yog) को बहुत शुभ माना जाता है. यह योग भद्रा के स्वर्ग में वास करने पर बनता है और इसे सभी जीवों के लिए कल्याणकारी माना जाता है. मासिक शिवरात्रि पर रात में 10 बजकर 1 मिनट से पूरी रात्रि भद्रावास योग का निर्माण हो रहा हे. इस योग में निशाकाल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विशेष फलों को प्रदान करने वाली मानी जाती है.

सर्वार्थ सिद्ध योग - ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार ज्येष्ठ माह के मासिक शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्ध योग का भी निर्माण हो रहा है. यह योग 4 जून को रात 10 बजकर 35 मिनट शुरू होकर सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. सर्वार्थ सिद्ध योग में भगवान शिव की पूजा से शुभ कार्यों की सिद्धि होती है.

गर और वणिज करण योग - ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि के दिन गर और वणिज करण योग भी बन रहे हैं. सुबह 11 बजकर 8 मिनट से गर करण और इसके बाद वणिज करण योग का निर्माण हो रहा है. इन योगों में भगवान शिव की पूजा (Shiv Puja) बहुत फलदाई मानी जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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