Aghan Amavasya Ke Upay: हिंदू धर्म में प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की पंद्रहवीं तिथि अमावस्या कहलाती है. इस तिथि का महत्व तब और बढ़ जाता है, जब यह मार्गशीर्ष मास में पड़ती है क्योंकि इस दिन न सिर्फ भगवान श्री विष्णु और लक्ष्मी बल्कि पितरों के साथ शनिदेव की पूजा के शुभ फल प्राप्त होते हैं. मान्यता है कि मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास की अमावस्या पर किए जाने वाले पूजा के सभी उपायों को करने पर जीवन और ग्रहों से जुड़े दोष शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं और साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. आइए अगहन अमावस्या के दिन किए जाने वाले देवी-देवताओं, नवग्रहों और पितरों से जुड़े पूजा के अचूक उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
अगहन अमावस्या के अचूक उपाय | Aghan Amavasya 2025 Remedies

इस पूजा से दूर होगा पितरों से जुड़ा दोष
पितरों से जुड़े दोष को दूर करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्यक्ति को अगहन अमावस्या के दिन सुबह किसी जल तीर्थ जैसे गंगा नदी आदि में स्नान करना चाहिए. यदि जल तीर्थ पर न जा पाएं तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद सूर्य नारायण को अर्घ्य दें फिर श्री हरि या फिर भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा करें. इसके बाद पितरों के लिए पिंडदान या तर्पण करें. अगहन अमावस्या के दिन गाय और कुत्ते को रोटी और चींटी के लिए आटे में चीनी मिलाकर डालने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. यदि संभव हो तो पितरों के निमित्त इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, धन आदि का दान करना चाहिए.

इस पूजा से दूर होंगे शनि के कष्ट
ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति पर शनि की ढैया या साढ़ेसाती चल रही हो तो उसके लिए किसी भी मास की अमावस्या पर किए जाने वाले शनि के उपाय अत्यंत ही असरकारक साबित होते हैं. ऐसे में इस दिन कुंभ, मीन और मेष राशि वाले जिन्हें शनि की साढ़ेसाती के कारण दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं और सिंह-धनु के जातक, जिनके काम शनि की ढैय्या के कारण अटक रहे हैं, उन्हें विशेष रूप से शनिदेव और पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन इन सभी जातकों को पीपल या फिर शमी के पेड़ के नीचे आटे से बना चौमुखा दीया सरसों का तेल डालकर जलाना चाहिए. साथ ही साथ शनि मंत्र का अधिक से अधिक जप करना चाहिए.

अगहर अमावस्या पर करें दीपदान
हिंदू मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष मास की अमावस्या पर दीपदान करने को अत्यंत ही पुण्यदायी माना गया है. ऐसे में अगहन अमावस्या के दिन किसी जल तीर्थ या किसी मंदिर में जाकर दीपदान करना चाहिए. मान्यता है कि दीपदान के पुण्य प्रभाव से व्यक्ति को अनंत सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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