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आज है सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए ऐसे की जा सकती है पूजा

सावन माह के हर मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस व्रत को करने पर माना जाता है कि वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की चाह में इस व्रत को रख सकती हैं. 

आज है सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए ऐसे की जा सकती है पूजा
मंगला गौरी व्रत के दिन मान्यतानुसार मां गौरी का पूजन होता है. 

Mangla Gauri Vrat 2024: सावन के महीने में भगवान शिव की ही नहीं बल्कि मां पार्वती की भी पूजा-आराधना की जाती है. सावन सोमवार के दिन जहां भोलेनाथ का पूजन किया जाता है, वहीं सावन माह के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. मंगला गौरी व्रत के दिन मां गौरी की पूजा करने से माना जाता है कि वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, इसीलिए वैवाहिक महिलाएं मंगला गौरी व्रत रखती हैं. कहते हैं मंगला गौरी का व्रत करने मां पार्वती का आशीर्वाद मिलता है और और पति की दीर्घायु होती है. अच्छे वर की चाह में इस व्रत को कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं. इस साल का पहला मंगला गौरी व्रत आज 23 जुलाई, मंगलवार के दिन रखा जा रहा है. जानिए इस व्रत की पूजा विधि (Puja Vidhi) और शुभ मुहूर्त के बारे में. 

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मंगला गौरी व्रत की पूजा | Mangla Gauri Vrat Puja 

इस साल सावन के महीने में कुल चार मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे. मंगला गौरी व्रत की पूजा के दिन कुछ शुभ योगों का निर्माण हो रहा है जिनमें पूजा की जा सकती है. आज द्विपुष्कर योग सुबह 5 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त आज दोपहर 12 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. आखिर में विजय मुहूर्त (Vijay Muhurt) दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. इन शुभ योगों में मां गौरी की उपासना की जा सकती है. 

मंगला गौरी व्रत की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके पश्चात मां गौरी का ध्यान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. पूजा करने के लिए एक चौकी लेकर उसपर लाल वस्त्र बिछाया जाता है. मां गौरी की प्रतिमा को इस चौकी पर रखें. अब मां गौरी के सामने आटे का दीपक जलाएं और प्रज्जवलित करें. इसके पश्चात विधिनुसार फल और फूल अर्पित करके मां गौरी के मंत्र पढ़े जाते हैं, मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ी जाती है, आरती की जाती है और फिर अपनी मनोकामनाएं मां को सुनाकर पूजा का समापन होता है. 

मंगला गौरी पूजा के मंत्र 
  • सर्वमंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरणनेताम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ..
  • ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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