
Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर सूर्य स्तुति का पाठ करना माना जाता है शुभ
हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति आज यानि 14 जनवरी को बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का पर्व देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न परंपराओं और नाम के साथ मनाया जाता है. माना जाता है कि आज से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं. मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहा जाता है. दक्षिण भारत में इस दिन को पोंगल के नाम से जाना जाता है. वहीं असम में इसे बिहू पर्व को रूप में मनाया जाता है. आज के दिन सूर्य देव का विधि-विधान से पूजन किया जा रहा है और व्रत रखा जा रहा है. इस दिन उत्तर प्रदेश में माघ मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन श्रद्धालु संगम नगरी या काशी में स्नान करते हैं, इसे काफी शुभ माना जाता है.

मान्यता है कि मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सुबह शक्ति और यश के प्रतीक माने जाने वाले सूर्य भगवान का पूजन करना शुभकारी माना जाता है. सूर्य देव की पूजा के समय सूर्य स्तुति का पाठ करना उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि सूर्य स्तुति का पाठ व्यक्ति की सभी तकलीफों का अंत कर स्वस्थ, प्रतापी और धनी बनाता है.

।। श्री सूर्य स्तुति ।।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।
त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)