भोपाल:
मध्यप्रदेश में शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया और पूरे दिन पूजा-अर्चना और अनुष्ठान का दौर चलता रहा. भोजपुर शिव मंदिर से लेकर महाकाल के दरबार और अन्य शिवालयों में अलस्सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और शोभायात्राएं निकलीं. राजधानी के करीब स्थित भोजपुर के शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर पूजा-अर्चना करने दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे और अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की. यहां पहुंचे भक्तों ने धतूरा, बिल्वपत्र अर्पित कर शिवजी को प्रसन्न करने की कोशिश की और हर तरफ हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे.
मुख्यमंत्री ने भी की भगवान भोले से प्रार्थना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के बढ़वाले महादेव मंदिर में पत्नी साधना सिंह के साथ पूजा-अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की. मुख्यमंत्री चौहान अपनी पत्नी के साथ शुक्रवार को महाशिवरात्रि के मौके पर बढ़वाले महादेव के मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की.
मुख्यमंत्री चौहान ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि सबके जीवन में सुख-समृद्धि, ऋद्धि-सिद्धि आए. सब सन्मार्ग पर चलें. सबको सद्बुद्धि और अच्छा काम करने की प्रेरणा मिले. साथ ही प्रति, सृष्टि, दृष्टि सहित सबके लिए बेहतर से बेहतर काम कर सकें, ऐसा सामथ्र्य दें.इसी तरह राजधानी स्थित नेपाली समाज के पशुपतिनाथ मंदिर से शोभा यात्रा निकाली गई. यह शोभायात्रा विभिन्न मार्गो से होती हुई मंदिर पहुंची, उसके बाद भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक हुआ. समाज के अध्यक्ष लीलामणि पांडे ने बताया कि 25 फरवरी को भंडारा होगा.
44 घंटे खुले रहेंगे महाकाल के पट
इसी तरह 12 ज्योतिर्लिगों में से एक उज्जैन के महाकाल के दरबार में गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगने लगीं. भस्मारती के बाद महाकाल के पट 44 घंटों के लिए खुल गए. मंदिर के पुजारी आशीष ने संवाददाताओं को बताया कि इस बार महाशिवरात्रि विशेष है, क्योंकि शिवरात्रि के साथ प्रदोष भी है, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है.
शुक्रवार की सुबह भस्म आरती के बाद से बाबा महाकाल के पट 25 फरवरी की रात 11 बजे तक अनवरत खुले रहेंगे और पूजा-पाठ का दौर चलता रहेगा. शाम चार बजे होल्कर एवं सिंधिया परिवार द्वारा वंश परंपरानुसार 11 पंडितों द्वारा अभिषेक पंडित श्री घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में किया गया. अभिषेक के बाद सायं आरती हुई.
साल में सिर्फ एक बाद दिन में होती है भस्मारती
बाबा महाकाल को सवा मन वजन का सेहरा धारण कराया गया और बताया गया कि शिवरात्रि पर्व पर महाकाल विश्राम नहीं करते. 25 फरवरी को दोपहर 12 बजे भस्मारती होगी. वर्ष में सिर्फ एक बार भस्मारती दिन में होती है.
इसी तरह ओंकारेश्वर, मंदसौर के पशुपतिनाथ, खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना का दौर जारी है. हर तरफ 'हर हर महादेव' के जयकारे गूंज रहे हैं, शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं, श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर हर स्थान पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. (एजेंसियों से इनपुट)
मुख्यमंत्री ने भी की भगवान भोले से प्रार्थना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के बढ़वाले महादेव मंदिर में पत्नी साधना सिंह के साथ पूजा-अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की. मुख्यमंत्री चौहान अपनी पत्नी के साथ शुक्रवार को महाशिवरात्रि के मौके पर बढ़वाले महादेव के मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की.
मुख्यमंत्री चौहान ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि सबके जीवन में सुख-समृद्धि, ऋद्धि-सिद्धि आए. सब सन्मार्ग पर चलें. सबको सद्बुद्धि और अच्छा काम करने की प्रेरणा मिले. साथ ही प्रति, सृष्टि, दृष्टि सहित सबके लिए बेहतर से बेहतर काम कर सकें, ऐसा सामथ्र्य दें.इसी तरह राजधानी स्थित नेपाली समाज के पशुपतिनाथ मंदिर से शोभा यात्रा निकाली गई. यह शोभायात्रा विभिन्न मार्गो से होती हुई मंदिर पहुंची, उसके बाद भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक हुआ. समाज के अध्यक्ष लीलामणि पांडे ने बताया कि 25 फरवरी को भंडारा होगा.
44 घंटे खुले रहेंगे महाकाल के पट
इसी तरह 12 ज्योतिर्लिगों में से एक उज्जैन के महाकाल के दरबार में गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगने लगीं. भस्मारती के बाद महाकाल के पट 44 घंटों के लिए खुल गए. मंदिर के पुजारी आशीष ने संवाददाताओं को बताया कि इस बार महाशिवरात्रि विशेष है, क्योंकि शिवरात्रि के साथ प्रदोष भी है, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है.
शुक्रवार की सुबह भस्म आरती के बाद से बाबा महाकाल के पट 25 फरवरी की रात 11 बजे तक अनवरत खुले रहेंगे और पूजा-पाठ का दौर चलता रहेगा. शाम चार बजे होल्कर एवं सिंधिया परिवार द्वारा वंश परंपरानुसार 11 पंडितों द्वारा अभिषेक पंडित श्री घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में किया गया. अभिषेक के बाद सायं आरती हुई.
साल में सिर्फ एक बाद दिन में होती है भस्मारती
बाबा महाकाल को सवा मन वजन का सेहरा धारण कराया गया और बताया गया कि शिवरात्रि पर्व पर महाकाल विश्राम नहीं करते. 25 फरवरी को दोपहर 12 बजे भस्मारती होगी. वर्ष में सिर्फ एक बार भस्मारती दिन में होती है.
इसी तरह ओंकारेश्वर, मंदसौर के पशुपतिनाथ, खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना का दौर जारी है. हर तरफ 'हर हर महादेव' के जयकारे गूंज रहे हैं, शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं, श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर हर स्थान पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. (एजेंसियों से इनपुट)
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