Lunar eclipse 2022: चंद्र ग्रहण का समय अब नजदीक आ गया है. 08 नवंबर 2022 को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में दिखाई देगा. नासा ने घोषणा की कि यह चंद्र ग्रहण कई कारणों से खास है. यह अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो लगभग अगले तीन वर्षों में नहीं दिखाई देगा. नासा नें एक ट्वीट में घोषणा की कि 8 नवंबर को, चंद्रमा पृथ्वी की छाया में से गुजरेगा और एक लाल रंग नजर आएगा. इस घटना को बीवर ब्लड मून चंद्र ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है. हालांकि भारत के अधिकांश हिस्सों में पूर्ण चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण सिर्फ कोलकाता, कोहिमा, अगरतला और गुवाहाटी जैसे शहरों में ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा. यहां जानिए कि पूर्ण और आंशिक चंद्र ग्रहण में क्या फर्क है और ये एक दूसरे से कैसे अलग है.
पूर्ण चंद्र ग्रहण | Total lunar eclipse
पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी के गर्भ से होकर गुजरता है. जैसे ही चंद्रमा इससे गुजरता है, चंद्रमा का घुमावदार किनारा सीधे सूर्य के प्रकाश से टकराता है, जिससे यह धूंधला दिखाई देता है. वहीं धीरे-धीरे, जैसे-जैसे यह गर्भ के अंदर अधिक होता जाता है, चंद्रमा का विपरीत अंग सूर्य के प्रकाश की चपेट में आ जाता है, जिससे संपूर्ण खगोलीय पिंड अस्पष्ट हो जाता है.
आंशिक चंद्र ग्रहण | Partial lunar eclipse
आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का सिर्फ एक हिस्सा पृथ्वी के गर्भ में प्रवेश करता है. ऐसे में चंद्रमा का बाकी हिस्सा पृथ्वी से दिखाई देता है. दो अन्य प्रकार के चंद्र ग्रहण भी हैं, लेकिन वे तुलनात्मक रूप से दुर्लभ हैं.
केंद्रीय चंद्र ग्रहण- यह पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटना को संदर्भित करता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के केंद्र से होकर गुजरता है, सूर्य से सीधे विपरीत - एंटीसोलर बिंदु से संपर्क करता है.
सेलेनेलियन - क्षैतिज ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है, सेलेनेलियन एक ऐसी घटना है जब सूर्य और ग्रहण चंद्रमा दोनों को एक साथ देखा जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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