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Kumbh 2025 : महाकुंभ में अभी कितने शाही स्नान हैं बचे जानिए यहां

Kumbh Amrit snan tithi 2025 : अब तक कुंभ स्नान की 2 शाही तिथियां संपन्न हो चुकी हैं बाकी बची 4 की तारीख हम आगे आर्टिकल में बताने जा रहे हैं, ताकि इस दिन आप स्नान करके शुभ फल प्राप्त कर सकें. 

Kumbh 2025 : महाकुंभ में अभी कितने शाही स्नान हैं बचे जानिए यहां
कुंभ मेला भारत के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में से एक है.

Amrit snan date 2025 : महाकुंभ मेला 2025 प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में 13 जनवरी से शुरू हो चुका है. यह धार्मिक मेला  ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. मान्यता है कुंभ मेले में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष का मार्ग आसान हो जाता है. वैसे तो महाकुंभ में किसी भी दिन स्नान करके आप पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन शाही स्नान के दिन संगम में डुबकी लगाना ज्यादा फलदायी माना जाता है. अब तक कुंभ की 2 शाही स्नान तिथियां संपन्न हो चुकी हैं बाकी बची 4 की तारीख आगे आपको आर्टिकल में बताने जा रहे हैं, ताकि इस दिन आप स्नान करके शुभ फल प्राप्त कर सकें. 

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महाकुंभ शाही स्नान तिथियां - Maha Kumbh Royal Bathing Dates

  • मौनी अमावस्या पर तीसरा शाही स्नान किया जाएगा. यह 29 जनवरी बुधवार को है. 
  • बसंत पंचमी को चौथा शाही स्नान किया जाएगा, जो 3 फरवरी, 2025 दिन सोमवार को पड़ रहा है. 
  • माघी पूर्णिमा को पांचवां शाही स्नान होगा, जो 12 फरवरी 2025 बुधवार को पड़ रहा है. 
  • 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन छठा शाही स्नान होगा और इसी के साथ महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा. 
कौन करता है सबसे पहले शाही स्नान - Who takes the royal bath first?

शाही स्नान में सबसे पहले नागा साधु नहाते हैं. इसके बाद आम श्रद्धालुओं को स्नान की अनुमति दी जाती है. दरअसल, नागा साधुओं को प्राचीन काल में धर्म, संस्कृति के रक्षक के रूप में जाना जाता है. इसलिए इन्हें पहला अधिकार कुंभ में स्नान के लिए दिया जाता है. 

कितने प्रकार के होते हैं कुंभ - How many types of Aquarius are there

कुंभ मेला भारत के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में से एक है. यह मेला विशेष रूप से हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए महत्व रखता है और इसका आयोजन चार प्रमुख स्थानों—प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है. कुंभ मेला मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है- कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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