क्या आप जानते हैं नवग्रहों में प्रमुख भगवान शनिदेव का जन्म कहां हुआ था? उनके माता-पिता कौन हैं? यदि नहीं तो आइए जानते हैं शनिदेव से जुड़ी ये रोचक बातें:
प्रवेश द्वार से जुड़े वास्तु टिप्स जो घर में लाएं सकारात्मक ऊर्जा...
- महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में एक गांव है शिंगणापुर. यहां किसी भी घर में दरवाजे नहीं होते हैं, यदि दरवाजा है तो भी, दिन हो रात, कभी ताला नहीं लगाया जाता है, क्योंकि यहां चोरी की घटनाएं होती ही नहीं हैं.
- जनश्रुति के अनुसार इस स्थान पर महाराज शनिदेव की विशेष कृपा है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहां चोरी करता है, उसे स्वयं शनिदेव सजा देते हैं.
- शास्त्रों के अनुसार भगवान शनिदेव जगत-प्रकाशक भगवान सूर्यदेव और उनकी अर्धांगिनी देवी छाया के पुत्र हैं. सूर्य-पत्नी देवी छाया ने पुत्र-प्राप्ति हेतु देवाधिदेव शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की. तपस्या की कठोरता, प्रचंड धूप और गर्मी के कारण देवी छाया के गर्भस्थ शिशु का रंग काला पड़ गया. यही कारण है कि शनिदेव की प्रतिमाएं काले रंग की बनाई जाती हैं.
प्रवेश द्वार से जुड़े वास्तु टिप्स जो घर में लाएं सकारात्मक ऊर्जा...
- हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार देवी छाया के गर्भ से शनिदेव का जन्म शिंगणापुर में हुआ. जिस दिन भगवान शनिदेव का जन्म हुआ उस दिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या थी. हालांकि कुछेक ग्रंथों में शनिदेव का जन्मदिवस भाद्रपद मास की शनि अमावस्या को माना गया है.
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