चंद्र ग्रहण 2017: रक्षा बंधन पर कब तक रहेगा चंद्र ग्रहण का असर
इस साल रक्षाबंधन पर यानि सात अगस्त की रात चंद्र ग्रहण लगेगा, जो अगले दिन सुबह तक रहेगा. यह भारत सहित समूचे एशिया, यूरोप और अफ्रीका में देखा जा सकेगा. हालांकि इसके बाद 21 अगस्त को लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण अफ्रीका और भारत सहित एशिया के कुछ हिस्सों में नहीं देखा जा सकेगा. दिल्ली के नेहरू तारामंडल में निदेशक एन रत्नाश्री ने बताया कि अमेरिका और कनाडा में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिख सकेगा, लेकिन चंद्र ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा. सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा जब एक सीधी रेखा पर आ जाते हैं तब चंद्र ग्रहण होता है.
ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है. इस दौरान अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
यह भी पढ़ें- Raksha Bandhan 2017: आखिर रक्षाबंधन पर भद्रा काल में क्यों नहीं बांधी जा सकती राखी...
- फूलों को न तोड़े.
- बालों और कपड़ों को साफ न करें.
- दातुन या ब्रश न करें.
- ग्रहण के दौरान सोना भी नहीं चाहिए.
- ग्रहण को देखने की कोशिश न करें.
- इस दौरान किसी भी तरह का गलत ना सोचें.
- ग्रहण के दौरान कुछ खाएं-पिएं नहीं.
- भगवान का जप-ध्यान करें.
यह भी पढ़ें: रक्षाबंधन पर राखी बांधने के सिर्फ 2 घंटे हैं शुभ मुहूर्त, भाई-बहन अभी से कर लें प्लानिंग
भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप के अधिकांश भाग, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी भाग, प्रशान्त महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और अंटकार्टिका में दृश्य होगा.
सुबह 11.07 बजे से बाद दोपहर 1.50 बजे तक रक्षा बंधन हेतु शुभ समय है. इसी दिन चंद्र ग्रहण भी होगा जो रात्रि 10.52 से शुरू होकर 12.22 तक रहेगा. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक लग जाएगा. इससे पहले भद्रा का प्रभाव रहेगा. चंद्रग्रहण पूर्ण नहीं होगा बल्कि खंडग्रास होगा. पंडितों के अनुसार भद्रा योग और सूतक में राखी नहीं बांधनी चाहिए.
चंद्र ग्रहण का समय
रक्षाबंधन के दिन चंद्र ग्रहण होगा जो रात्रि 10.52 से शुरू होकर 12.22 तक रहेगा. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक लग जाएगा. इससे पहले भद्रा का प्रभाव रहेगा. चंद्रग्रहण पूर्ण नहीं होगा बल्कि खंडग्रास होगा. पंडितों के अनुसार भद्रा योग और सूतक में राखी नहीं बांधनी चाहिए. 7 अगस्त की सुबह 11.07 बजे से बाद दोपहर 1.50 बजे तक रक्षाबंधन हेतु शुभ समय है.चंद्र ग्रहण 2017: रक्षा बंधन पर इन बातों का रखें ख्याल
वैज्ञानिक मान्यता :
ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है. इस दौरान अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होती है.यह भी पढ़ें- Raksha Bandhan 2017: आखिर रक्षाबंधन पर भद्रा काल में क्यों नहीं बांधी जा सकती राखी...
ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या नहीं?
- ग्रहण के काल में कैंची का प्रयोग न करें.- फूलों को न तोड़े.
- बालों और कपड़ों को साफ न करें.
- दातुन या ब्रश न करें.
- ग्रहण के दौरान सोना भी नहीं चाहिए.
क्या करें गर्भवती महिलाएं :
- ग्रहण और सूतक अवधि में घर से बाहर न निकलें.- ग्रहण को देखने की कोशिश न करें.
- इस दौरान किसी भी तरह का गलत ना सोचें.
- ग्रहण के दौरान कुछ खाएं-पिएं नहीं.
- भगवान का जप-ध्यान करें.
यह भी पढ़ें: रक्षाबंधन पर राखी बांधने के सिर्फ 2 घंटे हैं शुभ मुहूर्त, भाई-बहन अभी से कर लें प्लानिंग
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण? :
भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप के अधिकांश भाग, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी भाग, प्रशान्त महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और अंटकार्टिका में दृश्य होगा.रक्षा बंधन 2017: सुबह 11.07 बजे से दोपहर 1.50 बजे तक बांधें राखी
रक्षा बंधन 2017: राखी बांधने का सिर्फ 2 घंटे है शुभ मुहूर्त :
सुबह 11.07 बजे से बाद दोपहर 1.50 बजे तक रक्षा बंधन हेतु शुभ समय है. इसी दिन चंद्र ग्रहण भी होगा जो रात्रि 10.52 से शुरू होकर 12.22 तक रहेगा. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक लग जाएगा. इससे पहले भद्रा का प्रभाव रहेगा. चंद्रग्रहण पूर्ण नहीं होगा बल्कि खंडग्रास होगा. पंडितों के अनुसार भद्रा योग और सूतक में राखी नहीं बांधनी चाहिए. NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
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