Kharmas Vivah Muhurat: हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य के लिए तिथि (Dates) व मुहूर्त (Muhurat) का सही होना जरूरी है. माना जाता है कि शुभ काल या मुहूर्त में किए गए कार्यों का ही लाभ जातक को होता है. हर वर्ष जैसी ही सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं खरमास (Kharmas) लग जाता है. इस वर्ष यह 15 मार्च को शुरू हुआ था. अब एक माह बाद 14 अप्रैल को खरमास समाप्त हो जाएगा. खरमास को शुभ नहीं माना जाता है और इस कालवधि में शादी विवाह (Marriage) से लेकर मुंडन,जनेऊ या गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य (Auspicious work) नहीं किए जाते हैं. ऐसे सभी शुभ कार्यों के लिए लोगों को खरमास के समाप्त होने का इंतजार रहता है. लेकिन इस वर्ष 14 अप्रैल के बाद मई तक शुभ मुहूर्त नहीं हैं जिसके कारण खरमास के बाद भी अप्रैल में शादी विवाह, मुंडन जनेऊ या गृह प्रवेश नहीं होंगे.
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खरमास के बाद 6 मई से शुरू होंगे मुहूर्त (Muhurta will start from May 6 after Kharmas)
गुरु के उदय का इंतजार
शुभ या मांगलिक कार्यों के लिए खरमास की समाप्ति के साथ-साथ गुरु का उदय होना भी जरूरी माना जाता है. इस वर्ष गुरु 28 मार्च को अस्त हो गए थे और अब 27 अप्रैल को फिर उदय होंगे. इसके बाद ही शुभ व मांगलिक कार्य संपन्न होंगे.
6 मई से मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार खरमास 14 अप्रैल को समाप्त होगा और 27 अप्रैल को 2 बजकर 7 मिनट पर गुरु मेष राशि में प्रवेश करते उदय हो जाएंगे. शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त 6 मई से शुरू हो जाएंगे. विवाह मुहूर्त मई में 6, 8, 9, 10, 11, 15, 16, 20,21, 22, 27, 29 और 30 को और अगले माह 1, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23, 24, 26 और 27 को हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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