Kalashtami 2023 Date : कालाष्टमी हर महीने कृष्ण पक्ष (Krishna paksh) की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भैरव बाबा (bhairav baba) की पूजा की जाती है. यह जयंती मार्गशीर्ष महीने में आती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भोलेबाबा भैरव के रूप में प्रकट हुए थे. ऐसे में इस दिन भगवान भैरव के भक्त बड़े ही धूम धाम के साथ उनकी जयंती मनाते हैं. इस बार यह जयंती 5 दिसंबर, 2023 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. जो भी इस दिन इनकी पूजा करता है भोलेबाबा की कृपा उनपर बरसती है, तो चलिए जानते हैं भैरव बाबा के पूजा मंत्र और महत्व. Rashiphal 30 november : फिजिकल और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना है जरूरी, जानिए क्या कहते हैं सेहत के सितारे
काल भैरव मंत्र | Kaal Bhairav mantra
ॐ ब्रह्म काल भैरवाय फट
ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्। भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि
ॐ ह्रीं बं बटुकाय मम आपत्ति उद्धारणाय। कुरु कुरु बटुकाय बं ह्रीं ॐ फट स्वाहा
काल भैरव कथा | kaal bhairav story
ऐसी मान्यता है कि इस दिन त्रिदेव- ब्रह्मा (Brahma), विष्णु (vishnu) और महेश (mahesh) के बीच एक बार बहस हो गई, जिसमें ब्रह्मा जी की एक बात भोले बाबा यानी शिव जी बहुत क्रोधित हो गए और उन्होंने ब्रह्मा जी का पांचवा सिर काट दिया. इसके बाद से भगवान शिव के इस रूप को 'काल भैरव' के रूप में जाना जाने लगा और उनकी पूजा की जाने लगी. कालाष्टमी के दिन इस कथा को लोग जरूर पढ़ते और सुनते हैं. आपको बता दें कि इनकी पूजा करने से नकारात्मकता का अंत होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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