
खराब मौसम के चलते भारत के 1500 से अधिक मानसरोवर तीर्थयात्री नेपाल में फंसे
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मानसरोवर तीर्थयात्री नेपाल में फंसे
तीर्थयात्रियों को निकालने के लिये नेपाल से मांगी मदद
नेपाल की ओर से चिकित्सा एवं नागरिक सुविधाएं पर्याप्त नहीं
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उन्होंने कहा कि भारत ने नेपाल सरकार से वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये सेना का हेलीकाप्टर देने का आग्रह किया है. सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत ने तीर्थ यात्रियों एवं उनके परिवारों के लिये हॉटलाइन स्थापित की है और उन्हें तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषा में सूचनाएं प्रदान की जायेंगी.
उल्लेखलीय है कि चीन के तिब्बत स्वायत्त इलाके में स्थित कैलाश मानसरोवर हिन्दुओं, बौद्ध एवं जैन धर्म के लोगों के लिये पवित्र स्थान माना जाता है और हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में तीर्थयात्री वहां जाते हैं. विदेश मंत्री ने कहा, 'नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने नेपालगंज एवं सिमिकोट में प्रतिनिधि तैनात किये हैं. वे तीर्थयात्रियों के सम्पर्क में है और उन्हें भोजन एवं आवास मुहैया करा रहे हैं.'
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सुषमा ने कहा कि सिमिकोट में बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की गई है और सभी तरह की चिकित्सा मदद उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि हिलसा में हमने पुलिस प्रशासन से जरूरी मदद देने का आग्रह किया है. सूत्रों ने कहा कि नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने सभी टूर ऑपरेटरों से जितना संभव हो, तीर्थयात्रियों को तिब्बत की तरफ रखने को कहा है क्योंकि नेपाल की ओर चिकित्सा एवं नागरिक सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं.
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