
Pradosh Vrat August 2025 Kab Hai: सावन महीने को भगवान शिव की पूजा, जप, तप और व्रत आदि के लिए अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना गया है. इस महीने की जाने वाली पूजा और व्रत का महत्व तब और बढ़ जाता है जब यह सोमवार और प्रदोष के दिन की जाती है. जिस प्रदोष व्रत को करने पर व्यक्ति को शिव संग माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है, वह अगस्त महीने में कब पड़ेगा? आइए सावन महीने के तीसरे प्रदोष व्रत की सही तारीख, प्रदोषकाल की पूजा का सही समय, विधि और धार्मिक महत्व को विस्तार से जानते हैं.

प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त
देश की राजधानी दिल्ली के समयानुसार पवित्र श्रावण मास के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी 06 अगस्त 2025 को दोपहर 02:08 बजे से प्रारंभ होकर 07 अगस्त 2025 को दोपहर 02:27 बजे तक रहेगी. इस प्रकार श्रावण मास का तीसरा प्रदोष व्रत 06 अगस्त को रखा जाएगा. श्रावण मास के इस बुध प्रदोष व्रत पर महादेव और माता पार्वती की साधना-आराधना करने के लिए फलदायी माने जाने वाला प्रदोषकाल 06 अगस्त की शाम को 07:08 से रात्रि 09:16 बजे तक रहेगा.
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प्रदोष व्रत की पूजा विधि
देवों के देव महादेव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए सावन के तीसरे सोमवार वाले दिन प्रात:काल जल्दी उठें. इसके बाद स्नान-ध्यान करें तथा प्रदोष व्रत को विधि-विधान से करने संकल्प लें. इसके बाद शिव-पार्वती की प्रतिदिन की तरह पूजा करें और यथाशक्ति शिव मंत्र का जप करें. इसके बाद प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पुष्प, फल, चंदन, भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमीपत्र, आदि अर्पित करने के बाद प्रदोष व्रत की कथा कहें अथवा सुनें. पूजन के पश्चात् आरती करें तथा महादेव का महाप्रसाद सभी को वितरित करें तथा स्वयं भी ग्रहण करें.

बुध प्रदोष व्रत का फल
भगवान शिव की पूजा के लिए रखा जाने वाला प्रदोष का व्रत दिन के अनुसार विशेष फलदायी माना गया है. जैसे कि बुधवार के दिन पड़ने जा रहा बुध प्रदोष व्रत तमाम तरह की कामनाओं की पूर्ति करने के साथ बुद्धि, विवेक और करियर-कारोबार को बढ़ाने का का आशीर्वाद प्रदान करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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