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This Article is From May 18, 2022

Jyeshtha Month 2022: ज्येष्ठ में इन कार्यों को करना माना गया है शुभ, मान्यता है मिलता है अक्षय पुण्य!

Jyeshtha Month 2022: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस महीने में सूर्य वृषभ राशि में रहता है. जिस कारण इस महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है. मान्यता है कि इस महीने में जल और अन्न का दान करना विशेष फलदायी होता है.

Jyeshtha Month 2022: ज्येष्ठ में इन कार्यों को करना माना गया है शुभ, मान्यता है मिलता है अक्षय पुण्य!
Jyeshtha Month 2022: 17 मई से ज्येष्ठ का महीना शुरू हो गया है.

Jyeshtha Month 2022: पंचांग के मुताबिक 17 मई, मंगवार से ज्येष्ठ का महीना (Jyeshtha Month) शुरू हो गया है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के मुताबिक इस महीने में सूर्य (Surya) वृषभ राशि (Taurus Zodiac) में रहता है. जिस कारण इस महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है. मान्यता है कि इस महीने में जल और अन्न का दान करना विशेष फलदायी होता है. साथ ही माना जाता है कि ज्येष्ठ महीने में जल और अन्न के दान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इस महीने में नौतपा भी रहता है. आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ के महीने में क्या करना शुभ माना गया है. 

हिंदी पंचांग के तीसरे महीने का नाम ज्येष्ठ क्यों पड़ा

कहा गया है कि हिंदी महीनों के नाम पूर्णिमा तिथि पर पड़ने वाले नक्षत्र के नाम पर रखे गए हैं. बता दें कि पूर्णिमा किसी भी हिंदी माह की आखिरी तिथि होती है. मान्यतानुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ज्येष्ठा नक्षत्र रहता है. इसी नक्षत्र के कारण इस महीने का नाम ज्येष्ठ पड़ा है. 

ज्येष्ठ मास में किए जाते हैं ये शुभ कार्य

-धार्मिक मान्यतानुसार इस ज्येष्ठ महीने में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का अभिषेक किया जाता है. साथ उन्हें माखन और मिश्री का भोग लगाया जाता है और तुलसी के पत्ते अर्पित किए जाते हैं. इसके अलावा भगवान को चंदन का लेप भी लगाया जाता है. 

-शिवलिंग पर शीतल जल से अभिषेक किया जाता है. साथ ही चांदी के पात्र के शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जाता है. इसके अलावा शिवलिंग पर बेलपत्र, आक के फूल, धतूरे, शहद इत्यादि चीजें अर्पित की जाती हैं. 

-ज्येष्ठ मास में जरुरतमंदों के बीच छाते, कपड़े, अन्न इत्यादि वस्तुओं का दान किया जाता है. साथ ही किसी प्याऊ में मटके का दान किया जाता है. इसके अलावा सार्वजिनिक स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था करवाना भी शुभ काम माना गया है. 

-ज्येष्ठ के महीने में सूर्य की गर्मी चरम पर होती है. ऐसे में छोटे-छोटे नदी और तालाब सूख जाते हैं. ऐसे में पशु-पक्षियों के लिए दाने-पानी की व्यवस्था करना भी शुभ माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से अक्षय पुण्य मिलता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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