
Kuber Temple of India: हमारा देश मंदिरों ( Bharat Ke Mandir) और अध्यात्म का देश है जहां हर थोड़ी दूर पर कोई न कोई मंदिर या पूजा स्थल हैं. इनमें खास से लेकर आम मंदिर तक शामिल हैं. कही कई एकड़ में फैले विशाल मंदिर परिसर हैं तो कहीं छोटा सा देवालय. कुछ शहर तो अपने मंदिरों के लिए देश से लेकर विदेश तक प्रसिद्ध हैं. काशी की गलियों में हर 200 कदम पर एक शिवलिंग के दर्शन होते हैं तो उत्तराखंड की पहाड़ियों पर मंदिरों की ध्वजाएं लहराती रहती हैं. कई मंदिर अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं और श्रद्धालु दूर दूर से दर्शन के लिए पहुंचते हैं. कुछ मंदिर किसी खास देवी या देवता के होते हैं और भक्तों के लिए खास महत्व रखते हैं. भारत में धन के देवता कुबेर (Kuber Manir kaha Hai ) को समर्पित मंदिर (Kuber Manir kaha Hai) भी हैं, जिनके बारे में मान्यता है कि यहां दर्शन करने वाले खाली हाथ नहीं लौटते हैं और प्रभु की कृपा से भक्तों की गरीबी दूर हो जाती है. आइए जानते हैं कुबेर देव के ऐसे मंदिरों के बारे में.
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धन के देवता माने जाते हैं कुबेर (The God of wealth Lord Kuber)
भगवान कुबेर धन के देवता और यक्षों के राजा माने जाते है. मान्यता है कि देवों के कोषाध्यक्ष कुबेर के यंत्र या मूर्ति लोगों को असीम धन का आशीर्वाद प्रदान कर सकती है. कुबेर देव को सोने और आभूषणों से लदे देवता के रूप में दिखाया जाता है. उनकी मूर्ति के पास उनका वाहक नेवला भी होता है.
कहां कहां हैं भगवान कुबेर के मंदिर
भारत में भगवान कुबेर के अन्य देवी देवताओं की तरह बहुत सारे मंदिर नहीं हैं, लेकिन कुछ दुर्लभ मंदिर हैं, जो शुभ और दिव्य और ऊर्जा से भरे हुए माने जाते हैं. मान्यता है कि इन मंदिरों में भक्तों को कर्जे छुटकारा प्रदान करने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है. गुजरात में प्रसिद्ध कुबेर भंडारी मंदिर, चेन्नई में श्री लक्ष्मी कुबेर मंदिर, वाराणसी में मां अन्नपूर्णा के मंदिर के ठीक बगल में छोटा कुबेर मंदिर और उत्तराखंड में भगवान कुबेर के मंदिर हैं.
उत्तराखंड में कुबेर मंदिर
भारत का सबसे प्राचीन कुबेर मंदिर उत्तराखंड में हैं. अल्मोड़ा से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर जागेश्वर धाम में आता है. हर साल धनतेरस और दिवाली के दिन यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. मान्यता है कि मंदिर में आने वाला खाली हाथ नहीं लौटता.
गुजरात का कुबेर भंडारी मंदिर
गुजरात के वडोदरा से 60 किलोमीटर दूर कुबेर भंडारी मंदिर है. यह कुबेर भंडारी मंदिर 2500 साल पुराना है और नर्मदा नदी के किनारे है. इस कुबेर मंदिर में भी धनतेरस से लेकर दिवाली तक बहुत लोग आते हैं.
खंडवा का कुबेर मंदिर
मध्य प्रदेश में तो कुबेर भगवान के तीन मंदिर हैं. ये मंदसौर, उज्जैन और खंडवा में हैं. खंडवा के कुबेर मंदिर में सबसे ज्यादा भक्त पहुंचते हैं. यह मंदिर ओंकारेश्वर धाम में स्थित है.
धन देने वाले देव
भगवान कुबेर को धन का परम दाता माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार भले ही देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं, लेकिन इसे वितरित करने का काम भगवान कुबेर का है. इसी लिए वित्तीय स्थिरता, व्यापार में सफलता और वित्तीय परेशानियों से राहत के लिए भगवान कुबेर की पूजा और प्रार्थना की जाती है. उत्तराखंड के कुबेर मंदिर में भक्तों को पीले कपड़े में लपेटा हुआ चांदी का सिक्का दिया जाता है. उसे तिजोरी में रखने से धन और वित्तीय मामलों में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद मिलती है.
कुबेर मंदिरों में अनोखे अनुष्ठान
कई कुबेर मंदिरों में कई तरह के अनुष्ठान होते हैं. इनमें भगवान कुबेर को खीर चढ़ाने से लेकर सिक्के बांटने तक की परंपराएं शामिल हैं. उत्तराखंड के अल्मोड़ा के मंदिर में भक्त इच्छा पूरी होने पर भगवान को खीर का प्रसाद चढ़ाते हैं. मान्यता है कि घर में कुबेर यंत्र रखने से धन और सफलता को आकर्षित होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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