
फाइल फोटो
कोलकाता:
आईआईटी-खड़गपुर के संकाय सदस्य और जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के अगुवा ने चेतावनी दी है कि 12वीं सदी के इस मंदिर को अगर गिरने से बचाना है तो इसकी मरम्मत तुरंत की जानी चाहिए।
श्रीमंदिर तकनीकी कोर समिति (एसएमटीसीसी) के अध्यक्ष और आईआईटी-खड़गपुर के सिविल इंजीनीयरिंग विभाग के पूर्व अध्यक्ष आनंद प्राण गुप्ता ने कहा, "मंदिर के जगमोहन सभा हॉल की सही ढंग से मरम्मत होनी चाहिए। उनकी राय में 12वीं सदी के इस मंदिर की मरम्मत में और देर नहीं की जा सकती है।"
जगनमोहन हॉल की छतों पर जमी है काई
उन्होंने कहा, "हमलोग मंदिर के खंभों को और मजबूत करने जा रहे हैं, ताकि शहतीरें नहीं गिरें।" गुप्ता ने कहा कि इन दोनों उद्देश्यों के संबंध में समिति ने 29 मार्च को फैसला किया था।
पुरातत्व के विशेषज्ञ गुप्ता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय अधीक्षक और समिति के सदस्यों की उपस्थिति में जगमोहन सभा हॉल का निरीक्षण किया। समीक्षा के दौरान विशषज्ञों और एसएमटीसीसी की रिपोर्टों का भी अध्ययन किया।
पिछले साल के मध्य में गुप्ता के नेतृत्व में 20 सदस्यीय विशषज्ञों के दल ने मंदिर के गर्भगृह और जगनमोहन हॉल का निरीक्षण किया था और दोनों की छतों और दीवारों से काई हटाने को कहा था।
श्रीमंदिर तकनीकी कोर समिति (एसएमटीसीसी) के अध्यक्ष और आईआईटी-खड़गपुर के सिविल इंजीनीयरिंग विभाग के पूर्व अध्यक्ष आनंद प्राण गुप्ता ने कहा, "मंदिर के जगमोहन सभा हॉल की सही ढंग से मरम्मत होनी चाहिए। उनकी राय में 12वीं सदी के इस मंदिर की मरम्मत में और देर नहीं की जा सकती है।"
जगनमोहन हॉल की छतों पर जमी है काई
उन्होंने कहा, "हमलोग मंदिर के खंभों को और मजबूत करने जा रहे हैं, ताकि शहतीरें नहीं गिरें।" गुप्ता ने कहा कि इन दोनों उद्देश्यों के संबंध में समिति ने 29 मार्च को फैसला किया था।
पुरातत्व के विशेषज्ञ गुप्ता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय अधीक्षक और समिति के सदस्यों की उपस्थिति में जगमोहन सभा हॉल का निरीक्षण किया। समीक्षा के दौरान विशषज्ञों और एसएमटीसीसी की रिपोर्टों का भी अध्ययन किया।
पिछले साल के मध्य में गुप्ता के नेतृत्व में 20 सदस्यीय विशषज्ञों के दल ने मंदिर के गर्भगृह और जगनमोहन हॉल का निरीक्षण किया था और दोनों की छतों और दीवारों से काई हटाने को कहा था।
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