Makar Sankranti: मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2021) हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. पंरपराओं के मुताबिक, इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और इसी के साथ सभी शुभ काम शुरू हो जाते हैं. शादी से लेकर पूजा-पाठ तक सभी मंगल कार्य मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से शुरू कर दिए जाते हैं. इस दिन स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है. इस बार मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा.
मकर संक्रांति का त्योहार किस-किस नाम से मनाया जाता है?
मकर संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल (Pongal) के रूप में मनाया जाता है. वहीं, गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण (Uttarayan) कहा जाता है. गुजरात में मकर संक्रांति पर खास पंतग महोत्सव भी मनाया जाता है. वहीं, हरियाणा और पंजाब में मकर संक्रांति को माघी (Maghi) के नाम से जाना जाता है. उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इस त्योहार को 'खिचड़ी' (Khichdi) कहा जाता है.
मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व (Makar Sankranti 2021: History and Significance)
ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन ही भगीरथ के आग्रह और तप से प्रभावित होकर गंगा उनके पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम पहुंची और वहां से होते हुए वह समुद्र में जा मिली थीं. यही वहज है कि इस दिन गंगा स्नान का खास महत्व माना जाता है.
मकर संक्रांति पूजा विधि (Makar Sankranti Puja Vidhi)
मकर संक्रांति के दिन व्रत रखने का प्रावधान माना जाता है. इस दिन पूजा करने के लिए तिल को पानी में मिलाकार नहाने की बात कही जाती है. पूजा से पहले नहाने के पानी में गंगा जल भी डाला जा सकता है. नहाने के बाद सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं, मकर संक्रांति पर पूर्वजों और पितरों को तर्पण करने का भी प्रावधान है.
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