आज हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) है. हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा को शिव के रुद्र अवतार श्री हनुमान ने माता अंजनि के गर्भ से जन्म लिया था. हनुमान जी के जन्मोत्सव को हिन्दू धर्म में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. कहते हैं कि वैसे तो जब भी भक्त किसी संकट में हो और वह हनुमान जी (Hanuman Ji) के स्मरण मात्र से ही विपदाओं का नाश हो जाता है. लेकिन अगर हनुमान जयंती के दिन पूरे विधि-विधान और श्रद्धा भाव से हनुमान जी की पूजा की जाए तो सभी दुखों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आमतौर पर हनुमान जयंती के दिन मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन इस बार कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से सब अपने-अपने घरों में बंद हैं. सड़कों पर सन्नाटा है और मंदिर के द्वारा भक्तों के लिए बंद हैं. ऐसे में निराश होने की जरूरत नहीं है. आप घर पर रहते हुए भी हनुमान जयंती मना सकते हैं, वो भी पूरे विधि-विधान के साथ.
हनुमान जयंती की तिथि और शुभ मुहूर्त
हनुमान जयंती की तिथि: 8 अप्रैल 2020
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 7 अप्रैल 2020 को दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 8 अप्रैल 2020 को सुबह 8 बजकर 4 मिनट तक
हनुमान जयंती की पूजा विधि
- हनुमान जयंती के दिन सुबह-सवेरे उठकर सीता-राम और हनुमान जी को याद करें.
- स्नान करने के बाद ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.
- इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें. मान्यता है कि हनुमान जी मूर्ति खड़ी अवस्था में होनी चाहिए.
- पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें: 'ॐ श्री हनुमंते नम:'.
- इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं.
- हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाएं.
- मंगल कामना करते हुए इमरती का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है.
- हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
- आरती के बाद गुड़-चने का प्रसाद बांटें.
हनुमान जयंती के दिन बरतें ये सावधानियां
- हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है. ऐसे में नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें.
- मांस या मदिरा का सेवन न करें.
- अगर व्रत रख रहे हैं तो नमक का सेवन न करें.
- हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते थे. ऐसे में महिलाएं हनुमन जी के चरणों में दीपक प्रज्ज्वलित कर सकती हैं.
- पूजा करते वक्त महिलाएं न तो हनुमान जी मूर्ति का स्पर्श करें और न ही वस्त्र अर्पित करें.
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनिपुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाये॥
लंका-सो कोट समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे, सियारामजी के काज संवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित परे सकारे, आनि संजीवन प्रान उबारे॥
पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे, दहिने भुजा सन्तजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारे, जय जय जय हनुमान उचारे॥
कंचन थार कपूर लौ छाई, आरति करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरति गावै, बसि बैकुण्ठ परम पद पावै॥
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं