गीता एकादशी (Gita Jayanti) वो दिन है जब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को श्रीमदभागवत गीता का उपदेश दिया था. कलयुग के प्रारंभ होने के 30 साल पहले कुरुक्षेत्र के मैदान में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया था वह श्रीमद्भगवद् गीता के नाम से प्रसिद्ध है. श्रीमद्भगवद्गीता के18 अध्यायों में से पहले 6 अध्यायों में कर्मयोग, फिर अगले 6 अध्यायों में ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्यायों में भक्तियोग का उपदेश है. गीता एकादशी मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) के दिन पड़ती है जो कि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह हर साल नवंबर या दिसंबर के महीने में आती है. इस बार गीता जयंती 8 दिसंबर को है. इसलिए यहां पर आपको गीता के 10 उपदेशों (Gita Upadesha) बताएं जा रहे हैं, क्योंकि श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक और उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं. गीता के उपदेशों से अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने राह दिखाई थी, ठीक आज भी इन उपदेशों को पढ़कर मनुष्यों को रास्ता मिल जाता है.
कर्म करो और फल की चिंता मत करो
आत्मा न शस्त्र से कटती और ना आग से जलती है
कर्म से बढ़कर और कुछ नहीं
बुद्धि का नाश होने पर मनुष्य खुद का नाश कर बैठता है
धर्म की स्थापना के लिए मैं प्रत्येक युग में जन्म लेता आया हूं
श्रेष्ठ पुरुष जो काम करते हैं, आम इंसान भी वैसा ही कार्य करते हैं
इन्द्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्यों को ही शान्ति की प्राप्ति होती है
शोक मत करो, मेरी शरण में आओ, मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्ति दिला दूंगा
मनुष्य जिस मन से मेरा नाम लेता है मैं उसे वैसा ही फल देता हूं
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