Mangal Pravesh of Ganpati on Ganesh Chaturthi: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Ganesh Chaturthi) का गणेश चतुर्थी मनाई जाती है और इसी दिन से दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत होती है. गणेशोत्सव में घर घर में भक्त गणेश भगवान की प्रतिमा स्थापित करते हैं और दस दिन तक विधि विधान से गणपति की पूजा अराधना करते हैं. इस वर्ष 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा और इसी दिन बप्पा विराजेंगे. मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का भगवान गणेश का जन्म हुआ था और इसी के अवसर पर गणेशोत्सव मनाया जाता है. गणपति को घर में आमंत्रित करने और विधि पूर्वक प्रतिमा स्थापना (Ganpati Sthapana) बहुत महत्वपूर्ण है. आइए जानते हैं कैसे कराना चाहिए घर में बप्पा का मंगल प्रवेश (Mangal Pravesh of Ganpati) और स्थापना….
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घर की साफ सफाई
गणेश चतुर्थी के पहले अच्छी तरह से घर की साफ सफाई कर गणपति स्थापना की तैयारी करनी चाहिए. घर के द्वार पर तोरण लगाकर और फूल पत्तों से सजाकर प्रभु के आगमन की तैयारी करनी चाहिए. स्थानपा वाले स्थान पर कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से चार बिंदी लगाएं. उसपर अक्षत डालें भगवान को विराजने के लिए चौकी रखें. चौकी पर लाल, पीला या केसरिया रंग का नया वस्त्र बिछाएं. पूजा और आरती की थाल सजाकर तैयार रखें.
बाजार से प्रतिमा लाने की तैयारी
गणपति प्रतिमा को बाजार से लाने के लिए स्नान के बाद नवीन वस्त्र धारण करें और सिर पर साफा लगाएं या टोपी पहनें. प्रतिमा लाने के लिए पीतल या तांबे की थाली, घंटी और मंजिरा लेकर जाएं. प्रतिमा को थाली पर रखकर घंटी और मंजिरा बजाते हुए लाएं.
घर में स्वागत
प्रतिमा की घर के द्वार पर आरती करें. मंगल गीत और मंत्रों के बीच प्रतिमा का घर में प्रवेश कराएं और बप्पा के जयकारे लगाते हुए चौकी पर विराजमान कराएं. इसके बाद विधिवत पूजा और आरती करें. मान्यता है कि बप्पा के विधि विधान से मंगल प्रवेश कराने से जीवन के सभी प्रकार के कष्टों का निवारण हो जाता है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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