Gaj kesari Rajyog; ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जन्म के समय ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति के हिसाब से बनाई गई कुंडली को देखकर भविष्य के बारे में बहुत कुछ बताया जा सकता है. इसके साथ ही जीवन पर समय-समय पर ग्रहों की स्थिति में होने वाले बदलावों का प्रभाव भी पड़ता है. कभी-कभी ग्रहों के शुभ योग से राजयोग जैसे योग का भी निर्माण होता है जिसके प्रभाव से जिससे भाग्य काफी बलवान हो जाता है. ऐसा ही खास योग है गजकेसरी राजयोग. इस योग का अर्थ है हाथी पर सवार सिंह और यह चंद्रमा और गुरु (Jupiter) के योग से बनता है. आइए जानते हैं गजकेसरी राजयोग बनने से होने वाले लाभ के बारे में.
गजकेसरी राजयोग का निर्माण
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, धन के कारक गुरु और मन के कारक चंद्रमा की युति से गजकेसरी राजयोग का निर्माण होता है. चौथे और दसवें भाव में गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी राजयोग बनता है. गुरु और चंद्रमा के राशि परिवर्तन (Rashi Parivartan) से 12 राशियों के अनुसार अगल-अलग भावों में गजकेसरी राजयोग बनता है और उनके अलग-अलग फल होते हैं.
पहले भाव में
जातक की कुंडली में पहले भाव में गजकेसरी योग बनने का प्रभाव बहुत शुभ होता है. इससे जीवन में संपन्नता आती है. इसके साथ ही जीवन में कई तरह की खुशियां आती हैं. जातक के नेता या फिर अभिनेता बनने की संभावना बढ़ जाती है.
दूसरे भाव में
जातक की कुंडली (Kundali) में दूसरे भाव में गजकेसरी योग बनने पर किसी प्रसिद्ध तथा बड़े घर में जन्म होता है. इस योग के कारण जीवन शान और शौकत से गुजरता है.
तीसरे भाव में
कुंडली में तीसरे भाव में गजकेसरी योग रहने पर जातक का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली होता है. उनका समाज और परिवार में बहुत मान-सम्मान होता है.
चौथे भाव में
जिन जातकों की कुंडली में चौथे भाव में गजकेसरी योग रहता है उन्हें कभी धन-संपत्ति (Wealth) की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है. उन्हें लोगों से बहुत प्रेम मिलता है.
पंचम भाव में
कुंडली के पंचम भाव में गजकेसरी योग होने पर जातक बहुत बलशाली और बुद्धिमान होते हैं. वे उच्च पदों तक पहुंचने में सफल रहते हैं.
छठे भाव में
जिन जातकों की कुंडली में छठे भाव में गजकेसरी योग रहता है उनकी सेहत पर असर पड़ता है और इसके कारण खराब स्वास्थ्य का सामना करना पड़ता है.
सातवें भाव में
सातवें भाव में गजकेसरी योग होने का प्रभाव जीवनसाथी पर पड़ता है और ऐसे में जीवनसाथी बहुत सफल, उच्च पद वाला होता है.
आठवें भाव में
इस भाव में गजकेसरी योग होने पर जातक का झुकाव अध्यात्म और भक्ति की तरफ होता है.
नवम भाव में
नवम भाव में गजकेसरी योग जातक के लिए शुभ नहीं माना जाता है. इसके कारण उन्हें किस्मत का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है.
दसवें भाव में
दसवें भाव में बनने वाला गजकेसरी योग जातके के लिए राजसी ठाठबाट लेकर आता है. इन जातकों का जीवन किसी राजा से कम नहीं होता है.
ग्यारवें भाव में
ग्यारवें भाव में गजकेसरी योग करियर (Career) और धन के लिए शुभ होता है. इस भाव के जातकों को उनकी मेहनत का पूरा फल मिलता है.
बारहवें भाव में
बारहवें भाव में बनने वाला गजकेसरी योग अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे लोगों को जीवन में परेशानी का अनुभव करना पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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