Eid 2023: इस्लाम में ईल उल अजहा का पर्व बेहद खास और अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है. बकरीद (Bakrid) को बड़ी ईद भी कहते हैं. यह कुर्बानी का त्योहार है और इस दिन से जुड़ी पैगंबर इब्राहिम की पौराणिक कथा बेहद प्रचलित है. इस साल ईद की तारीख को लेकर बहुत से लोगों में उलझन की स्थिति भी बनी हुई थी. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, बकरीब आखिरी महीने में या 12वें महीने में मनाई जाती है. ईल अल अजहा माह ए जिलहिज्ज का चांद दिखने के 10 दिन बाद मनाते हैं. इस महीने 19 जून के दिन माह ए जिलहिज्ज का चांद दिखा था जिस चलते 29 जून के दिन बकरीद मनाई जा रही है. ईद के दौरान इस्लाम को मानने वाले अनेक लोग मक्का में एकत्रित होते हैं और इस पाक महीने को वहीं बिताते हैं.
बकरीद क्यों मनाते हैंमाना जाता है कि बकरीद से पैगंबर इब्राहिम की पौराणिक कथा जुड़ी है. इस कथा के अनुसार, पैगंबर इब्राहिम अपने पुत्र इस्माइल को कुरबान करने वाले थे और कुर्बानी से पहले उन्होंने अल्लाह को याद करके बेटे के लिए दुआ की दी. अल्लाह ने पैगंबर इब्राहिम की दुआ सुनी और उनके बेटे को जीवनदान दिया. जब पैगंबर बेटे की बलि देने पहुंचे तो देखा पुत्र के स्थान पर एक पशु है और बेटा सही सलामत है. इसके बाद से ही बकरीद का त्योहार मनाया जाता है.
बकरीद के दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. इस कुर्बानी को रिश्तेदारों और दोस्तों से भी बांटा जाता है और मुबारकबाद (Eid Wishes) दी जाती है. पूरा समुदाय मिलकर ईद का त्योहार मनाता है. ईद पर खुशियां बांटी जाती हैं और भाईचारे को बढ़ाया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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