विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 04, 2023

जानिए कैसा होता है कुंडली के प्रथम भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव

Ashubh planet impact on zodiac : यहां हम बात करेंगे कुंडली के पहले यानी लग्न भाव में अगर अशुभ ग्रह मौजूद हों, तो उसका व्यक्ति पर क्या असर देखने को मिल सकता है. 

Read Time: 4 mins
जानिए कैसा होता है कुंडली के प्रथम भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव
कई बार ये व्यक्ति को बेहद विचारशील और आध्यत्मिक उन्नति वाला भी बना देता है.

Ashubh greh prabhav in kundlai : कुंडली हमारे जीवन का दर्पण होती हैं। कुंडली में मौजूद ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर काफी गहरा प्रभाव देखने को मिलता है. कुंडली के किस भाव में कौन सा ग्रह है या किन ग्रहों के साथ उसकी युति है, इससे आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है. यहां हम बात करेंगे कुंडली के पहले यानी लग्न भाव में अगर अशुभ ग्रह मौजूद हों, तो उसका व्यक्ति पर क्या असर देखने को मिल सकता है. 

कुंडली के प्रथम भाव में शनि - अगर कुंडली के प्रथम भाव में शनि हैं, तो व्यक्ति अंतर्मुखी स्वभाव का हो सकता है. शारीरिक रूप से भी वह थोड़ा कमजोर हो सकता है. इनका बचपन तनावपूर्ण हो सकता है. इतना ही नहीं ऐसे व्यक्ति को काफी परिश्रम के बाद ही सफलता की प्राप्ति होती है.शनि की इस स्थिति के प्रभाव से व्यक्ति एकांतप्रिय हो सकता है. ये काफी हठी और काफी हद तक उदासीन हो सकते हैं. आप अपने विरोधियों पर भारी पडेंगे और किसी भी स्थिति में उनपर विजय प्राप्त कर लेंगे.

कुंडली के प्रथम भाव में राहु - कुंडली के प्रथम भाव में राहु आपको आगे बढ़ाने में मदद तो करेंगे, लेकिन राहु के प्रभाव से व्यक्ति मादक पदार्थों की ओर आकर्षित होगा और उसे नशे की लत लग सकती है. इस भाव में राहु के प्रभाव से मिश्रित फल की प्राप्ति होती है. ऐसे लोग परोपकारी और धैर्यवान होते हैं. ऐसे लोगों को धन की कमी नहीं होगी, क्योंकि किसी न किसी तरीकों से व्यक्ति को धन की आवक होती रहेगी. ये लोग बड़ों के साथ विनम्र व्यवहार करते हैं. इनका पढ़ाई में ध्यान कम हो सकता है, लेकिन ये व्यावहारिक हो सकते हैं. इतना ही नहीं ये दूसरों से अपना काम करवाने में सक्षम होते हैं. हालांकि, जो वादा करते हैं, उसे पूरा करना चाहते हैं. ये बुद्धिमान और व्यवहार कुशल भी होते हैं. 

कुंडली के प्रथम भाव में मंगल- लाल ग्रह मंगल को उग्र माना जाता है. अगर कुंडली में मंगल हों, तो व्यक्ति ऊर्जा से लबरेज होता है. किसी भी काम में वह काफी तेजी दिखाता है और ऐसे में आपको थोड़ा धैर्य से काम लेने की जरूरत होती है. ऐसे व्यक्ति को दबाव में रहना पसंद नहीं होता है. ये काफी मुखर प्रवृत्ति के होते हैं. प्रथम भाव में मंगल हो तो व्यक्ति को शत्रुओं से परेशानी हो सकती है. बच्चों को लेकर भी परेशानी हो सकती है. ऐसा भी हो सकता है कि जीवनसाथी के साथ आपके संबंध अच्छे न हो. इनकी सेना, चिकित्सा या फिर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रुचि देखने को मिल सकती है. प्रथम भाव में मंगल के प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव थोड़ा गुस्सैल हो सकता है.

कुंडली के प्रथम भाव में केतु- कई मामलों में केतु को पहले घर में शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन कई बार ये व्यक्ति को बेहद विचारशील और आध्यत्मिक उन्नति वाला भी बना देता है. ऐसे लोग परिश्रम के दम पर धनवान बन सकते हैं. भाई बंधुओं का सहयोग मिलने के कारण सुखी रहते हैं, लेकिन केतु अशुभ हो तो कई बार ये जरूरत से ज्यादा चंचल और डरपोक होते हैं और बुरी संगति में आसानी से फंस सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Kawad Yatra 2024: जानिए कब से शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा, किस दिन चढ़ाया जाएगा शिवलिंग पर जल
जानिए कैसा होता है कुंडली के प्रथम भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव
आज है मासिक दुर्गा अष्टमी, जानिए माता दुर्गा की पूजा का महत्व और पूजन विधि
Next Article
आज है मासिक दुर्गा अष्टमी, जानिए माता दुर्गा की पूजा का महत्व और पूजन विधि
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;