Diya Tips: हिंदू धर्म में दीया जलाना बहुत शुभ माना जाता है. पूजा-पाठ से लेकर मंदिरों और घर में सुबह शाम दीया (Diya) जलाने की परंपरा है. सुबह स्नान और पूजा के बाद घर के मंदिर में और शाम को घर के दरवाजे और तुलसी के चौरे पर दीया जलाया जाता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. दिया को जलाने के भी कुछ नियम होते हैं. इन नियमों का ठीक से पालन नहीं करने से पूजा-अर्चना का फल प्राप्त नहीं होता है और साथ ही धन की देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) नाराज हो सकती हैं. आइए जानते हैं दीया जलाने के कुछ नियमों के बारे में.
दीया जलाने के नियम | Rules of Diya lighting
दिया जलाने का सही समयदीया कभी भी बेवक्त नहीं जलाना चाहिए. किसी खास पूजा-पाठ के बाद दिया जलाया जा सकता है लेकिन बाकी दिनों में सुबह 5 बजे से 10 बजे तक और शाम को 5 बजे से 7 बजे तक का समय दीया जलाने के लिए सबसे अच्छा है.
किस दिशा में रखें दीयादीया को किस दिशा में रखना चाहिए इसके कई नियम हैं. अगर दीया जलाने के लिए तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है तो दीये को भगवान की मृर्ति के बाईं तरफ रखना चाहिए. अगर दीया घी से जला रहे हैं तो दीया हमेशा भगवान की मूर्ति के दाहिनी ओर रखना चाहिए. दीये को कभी भी पश्चिम दिशा नहीं रखना चाहिए. इससे सेहत को नुकसान और आर्थिक हानि हो सकती है.
खंडित दिया वर्जितपूजा-पाठ या दरवाजे पर रखने के लिए कभी भी खंडित दीये का उपयोग नहीं करना चाहिए. खंडित दीया जलाने से हानि हो सकती है. हमेशा साफ-सुथरा और अच्छे से बने दीये का उपयोग करना चाहिए.
बत्ती का रखें ध्यानदीया जलाने के लिए बत्ती के उपयोग का भी नियम है. अगर दीया घी से जला रहे हैं तो बत्ती हमेशा रूई की होनी चाहिए और अगर दीया तेल से जला रहे हैं तो कलावे की बत्ती का उपयोग करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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