उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालु अब एक घंटे स्पर्श दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए मंदिर प्रशासन ने अनुमति प्रदान कर दी है. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि शाम को सप्तऋषि आरती से पहले बाबा का स्पर्श दर्शन संभव किया जाएगा. यह व्यवस्था शुक्रवार से ही लागू हो गई है. सावन माह से पहले मंदिर प्रशासन ने स्पर्श दर्शन को प्रतिबंधित कर दिया था. इस मौके पर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए गर्भगृह के बाहर पीतल का पात्र लगा है, जिससे पाइप को जोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालु पात्र में गंगा जल डाल देते हैं, जहां से पाइप के माध्यम से बाबा का गंगा जल से अभिषेक होता है.
सावन माह भर यह व्यवस्था ठीक से लागू रही. इस कारण दर्शन करने वाले लोग ज्यादा संख्या में अंदर नहीं जा पाए. इससे मंदिर की व्यवस्था सुचारु ढंग से चल पाई थी. विशाल ने बताया कि मंदिर के अंदर जगह कम होने से भक्तों को समय अधिक लगता था, इस कारण यह व्यवस्था सावन में लागू की गई थी. नई व्यवस्था को लेकर अंदर ही अंदर विरोध के स्वर उठने लगे थे. समझा जा रहा है कि इसे देखते हुए मंदिर प्रशासन ने प्रतिबंध में ढील देने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि सावन माह बीत जाने के बाद काशी विश्वनाथ में एक आदेश जारी हुआ था कि झारखंड के देवघर में स्थित बैजनाथ धाम की तर्ज पर काशी विश्वनाथ बाबा का दर्शन बाहर से ही करने को मिलेगा. साथ ही जलाभिषेक तथा दुग्धाभिषेक गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर लगे पात्र में ही किया जाएगा, जहां से पाइप के जरिए वह बाबा के ऊपर अपने आप चढ़ जाएगा.
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