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This Article is From Feb 13, 2017

यहां भक्तों को प्रसाद में मिलता है पान का बीड़ा, दी जाती है बन्दूक की सलामी

यहां भक्तों को प्रसाद में मिलता है पान का बीड़ा, दी जाती है बन्दूक की सलामी
देश का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित ओरछा न केवल एक ऐतिहासिक शहर है, बल्कि यह एक धार्मिक नगरी भी है. यहां स्थापित राजा राम मंदिर इस क्षेत्र का एक प्रसिद्ध मंदिर है. एक पुराने रिवाज के तहत यहां मध्य प्रदेश पुलिस के जवान सूर्योदय और सूर्योस्त के समय मंदिर में बंदूकों से फायरिंग कर सलामी देते हैं. यह सिलसिला काफी समय से जारी है.
  
कहते हैं कि ओरछा की एक महारानी गणेशकुंवर ने भगवान राम के बाल रूप को अयोध्या से पैदल लेकर आईं थीं. रानी गणेशकुंवर भगवान राम की अनन्य भक्त थीं. एक बार वे अयोध्या की तीर्थयात्रा पर गईं और वहां सरयू नदी के किनारे कुटी बनाकर साधना आरंभ की. उन्हीं दिनों तुलसीदासजी भी अयोध्या में साधनारत थे. रानी ने उनका आशीर्वाद लिया और उनकी साधना और बढ़ गई. उस समय ओरछा के राजा थे मधुरकशाह. 
रानी को कई महीनों तक भगवान राम के दर्शन नहीं हुए, तो वह निराश होकर अपने प्राण त्यागने सरयू की मझधार में कूद पड़ी. कहते हैं, यहीं नदी की गहराइयों में उन्हें भगवान राम के दर्शन हुए. रानी ने उनसे बालरूप में ओरछा चलने का आग्रह किया और भगवान राजी हो गए और इस तरह साक्षात ओरछा आ गए. 
ओरछा के इस मंदिर की एक रोचक परंपरा है, मंदिर आने वाले श्रधालुओं को पान की बीड़ा प्रसाद के रूप में देना. यह रिवाज किसने शुरू किया, इसकी सही-सही जानकारी किसी को नहीं है. लेकिन पान का प्रसाद पाकर भक्तगण स्वयं को बहुत भाग्यशाली मानते हैं.

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