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This Article is From Sep 10, 2023

Chhath Puja 2023 : छठ महापर्व की इस दिन से होगी शुरुआत, जानें अर्घ्य देने का सही मुहूर्त 

Chhath Puja 2023 Date: हिन्दुओं का महापर्व छठ कुछ ही दिनों में आने वाला है. आइए जानते हैं इस साल के छठ पूजा की सही तिथि और मुहूर्त.

Chhath Puja 2023 : छठ महापर्व की इस दिन से होगी शुरुआत, जानें अर्घ्य देने का सही मुहूर्त 
Chhath Puja 2023: इस दिन मानाया जाएगा हिन्दुओं का महापर्व छठ.

Chhath Puja: छठ पूजा एक मात्र ऐसा पर्व है जिसे हिन्दू धर्म में महापर्व का दर्जा दिया गया है. मान्यताओं के मुताबिक इस पर्व को विधिवत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पूरे साल बच्चे-बुढ़े सभी इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं. छठ पूजा की सबसे अधिक धूम बिहार, झारखंड, बंगाल और यूपी में नजर आती हैं. इस पर्व में मुख्य रूप से डूबते और उगते सूर्य की पूजा की जाती है. लोग इससे जुड़ी तैयारियां अभी से शुरू कर देते हैं. इस साल 2023 में छठ महापर्व (Chhath Mahaparv) इस दिन मनाया जाएगा.

छठ पूजा 2023 तिथि (Chhath Puja 2023 Date)

छठ पूजा सभी हिन्दुओं के लोक आस्था का महापर्व माना जाता है. ये पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जो अक्टूबर और नवम्बर महीने के बीच ही आती है. इस साल छठ का महापर्व 17 नवंबर 2023 (शुक्रवार) को नहाय-खाए से शुरू होकर 20 नवंबर 2023 (सोमवार) को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा.

  • नहाय खाए – 17 नवंबर 2023

  • खरना – 18 नवंबर 2023

  • डूबते सूर्य को अर्घ्य – 19 नवंबर 2023

  • उगते सूर्य को अर्घ्य – 20 नवंबर 2023

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पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 

इस साल छठ पूजा की सही मुहूर्त की बात करें तो डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ समय शाम 5:26 बजे होगा और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का सही समय सुबह 6:47 बजे होगा.

छठ पूजा से जुड़ी मान्यताएं

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार छठ पूजा का ये पर्व लोक आस्था का महापर्व है. इस पूजा के दौरान मुख्य रूप से भगवान सूर्य और छठी मां की पूजा-अर्चना की जाती है. इस व्रत के दौरान व्रती सूर्य उदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का ध्यान कर उन्हें अर्घ्य देता हैं. 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखने के कारण ये बहुत कठिन त्योहार होता है. 
छठ पूजा के दौरान महिलाएं अपने घर के पास किसी नदी या झील के किनारे जाकर  भगवान सूर्य की पूजा करती हैं और उन्हें शुभ मुहूर्त में अर्घ्य देती हैं. इस पर्व में खास तौर से बनने वाला ठेकुआ को ही महाप्रसाद माना जाता है. (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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