छठी मइया का आज पहला अर्घ्य
नई दिल्ली:
Chhath Puja 2018: छठी मइया (Chhathi Maiya) को आज शाम पहला अर्घ्य दिया जाएगा. छठ पूजा (Chhath Puja) का यह अर्घ्य सभी व्रति शाम को घाट, नदी के किनारे या तालाब में जाकर देंगे. इस दौरान सभी व्रती अपने सिर पर दउरा या दौरा (छठी मइया के प्रसाद से भरी बांस की टोकरी) को रख शाम को सूर्य देवता को छठ का पहला अर्घ्य देंगे. 13 नवंबर शाम को पहले अर्घ्य के बाद 14 नवंबर सुबह दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा. इस अर्घ्य की सिर्फ धार्मिक मान्यताएं की नहीं बल्कि विज्ञान में भी इसके कई फायदों के बारे में बताया गया है.
शाम के अर्घ्य के दौरान सभी लोग परिवार सहित इकट्ठा होकर एक-साथ पूजा के लिए निकलेंगे. इस दौरान व्रती अपने सिर पर ठेकुआ और नारियल, गन्ना, लोटा, लाल सिंदूर, धूप, बड़ा दीपक, चावल, थाली, दूध, गिलास, अदरक और कच्ची हल्दी, केला, सेब, सिंघाड़ा, नाशपाती, मूली, आम के पत्ते, शकरगंदी, सुथनी, मीठा नींबू (टाब), मिठाई, शहद, पान, सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम और चंदन से भरी टोकरी को रख घाट पर ले जाकर सूर्य देव को पहला अर्घ्य देंगे.
बता दें, हर साल दिपावली (Deepavali) के छठे दिन यानी कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व (Chhath Parv) मनाया जाता है. छठी मइया की पूजा (Chhathi Maiya Ki Puja) की शुरुआत चतुर्थी को नहाए-खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना या लोहंडा (इसमें प्रसाद में गन्ने के रस से बनी खीर दी जाती है). षष्ठी (13 नवंबर) को शाम और सप्तमी (14 नवंबर) सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पूजा की समाप्ति की जाती है. इस बार छठ पूजा 11 से 14 नवंबर तक है. यहां जानिए 13 नवंबर को पहले अर्घ्य किस समय दिया जाएगा.
सूर्य ढलने का समय (पहला अर्घ्य)
13 नवंबर सूर्य ढलने का समय - शाम 05:42
सूर्य उगने का समय (दूसरा अर्घ्य)
14 नवंबर सूर्य उगने का समय - सुबह 06:39
वहीं, साल 2019 में 2 नवंबर को छठ पूजा मनाई जाएगी.
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शाम के अर्घ्य के दौरान सभी लोग परिवार सहित इकट्ठा होकर एक-साथ पूजा के लिए निकलेंगे. इस दौरान व्रती अपने सिर पर ठेकुआ और नारियल, गन्ना, लोटा, लाल सिंदूर, धूप, बड़ा दीपक, चावल, थाली, दूध, गिलास, अदरक और कच्ची हल्दी, केला, सेब, सिंघाड़ा, नाशपाती, मूली, आम के पत्ते, शकरगंदी, सुथनी, मीठा नींबू (टाब), मिठाई, शहद, पान, सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम और चंदन से भरी टोकरी को रख घाट पर ले जाकर सूर्य देव को पहला अर्घ्य देंगे.
बता दें, हर साल दिपावली (Deepavali) के छठे दिन यानी कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व (Chhath Parv) मनाया जाता है. छठी मइया की पूजा (Chhathi Maiya Ki Puja) की शुरुआत चतुर्थी को नहाए-खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना या लोहंडा (इसमें प्रसाद में गन्ने के रस से बनी खीर दी जाती है). षष्ठी (13 नवंबर) को शाम और सप्तमी (14 नवंबर) सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पूजा की समाप्ति की जाती है. इस बार छठ पूजा 11 से 14 नवंबर तक है. यहां जानिए 13 नवंबर को पहले अर्घ्य किस समय दिया जाएगा.
सूर्य ढलने का समय (पहला अर्घ्य)
13 नवंबर सूर्य ढलने का समय - शाम 05:42
सूर्य उगने का समय (दूसरा अर्घ्य)
14 नवंबर सूर्य उगने का समय - सुबह 06:39
वहीं, साल 2019 में 2 नवंबर को छठ पूजा मनाई जाएगी.
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