गंगोत्री मंदिर में विशेषा पूजा-अर्चना के बाद मां गंगा की मूर्ति को रखा गया
नई दिल्ली:
उत्तराखंड में सालाना चारधाम यात्रा बुधवार से अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर शुरू हो गई. इसी के साथ श्रद्धालुओं की पूजा-पाठ के लिए यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिरों के पट भी खोल दिए गए.
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गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि ठंडे मौसम की वजह से पिछले करीब छह महीने से बंद पड़े गंगोत्री मंदिर के दरवाजे बुधवार को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए. वहीं यमुनोत्री मंदिर के दरवाजे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर खोले गए.
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि देवी गंगा की डोली गंगोत्री मंदिर में सुबह करीब 10 बजे पहुंची. ठंड के दौरान देवी की प्रतिमा को भैरव घाटी में रखा जाता है. मंदिर के दरवाजों को खोलने से पहले पुजारियों ने करीब तीन घंटे तक यहां विशेष पूजा की.
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया कि इसी तरह की पूजा-अर्चना यमुनोत्री में भी हुई. गौरतलब है कि केदारनाथ के पट 29 अप्रैल जबकि बद्रीनाथ के पट 30 अप्रैल खोले जाएंगे.
Video: गंगोत्री के जंगलों को खतरा
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गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि ठंडे मौसम की वजह से पिछले करीब छह महीने से बंद पड़े गंगोत्री मंदिर के दरवाजे बुधवार को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए. वहीं यमुनोत्री मंदिर के दरवाजे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर खोले गए.
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि देवी गंगा की डोली गंगोत्री मंदिर में सुबह करीब 10 बजे पहुंची. ठंड के दौरान देवी की प्रतिमा को भैरव घाटी में रखा जाता है. मंदिर के दरवाजों को खोलने से पहले पुजारियों ने करीब तीन घंटे तक यहां विशेष पूजा की.
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया कि इसी तरह की पूजा-अर्चना यमुनोत्री में भी हुई. गौरतलब है कि केदारनाथ के पट 29 अप्रैल जबकि बद्रीनाथ के पट 30 अप्रैल खोले जाएंगे.
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