भोले शंकर के 108 नामों का जप करने से दूर होते हैं सारे कष्ट, जीवन में बनी रहती है सुख और समृद्धि

Shiv name chanting : इस लेख में भगवान शिव के 108 नामों के बारे में आपको बता रहे हैं जिसके जपने मात्र से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है.

भोले शंकर के 108 नामों का जप करने से दूर होते हैं सारे कष्ट, जीवन में बनी रहती है सुख और समृद्धि

Lord Shiva : भगवान शिव के 108 नामों का जप करने से जीवन में बनी रहती है सकारात्मकता.

खास बातें

  • शिव के हैं 108 नाम.
  • बाबा भोले नाथ के नामों का जप करने से दूर होते हैं कष्ट.
  • सोमवार के दिन इनका स्मरण करना होता है फलदायी.

Shiv mantra : शिव की कृपा जिसपर हो जाए समझो उसके जीवन में कोई बाधा नहीं आ सकती है. उनके स्मरण मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. भोलेनाथ की कृपा बनी रहे इसके लिए भक्त सोमवार का व्रत भी रखते हैं. इस दिन उनकी अराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शिव शंकर भक्ति से प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं. आपको बता दें कि बाबा भोलेनाथ जितने दयालु स्वभाव के हैं उतना ही उन्हें क्रोध भी आता है. इसलिए भक्त उनकी पूजा-अर्चना में किसी भी प्रकार का गलती नहीं करते हैं. इस लेख में भगवान शिव के 108 नामों के बारे में आपको बता रहे हैं जिसके जपने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है. तो चलिए जानते हैं उन नामों के बारे में.

ये हैं शिव के 108 नाम | 108 names of lord Shiva

 

1. शिव:

2. महेश्वर:

3. शम्भू:

4. पिनाकी:

5. शशिशेखर:

6. वामदेव:

7. विरूपाक्ष:

8. कपर्दी:-

9. नीललोहित:

10. शंकर:

11. शूलपाणी:

12. खटवांगी:

13. विष्णुवल्लभ:

14. शिपिविष्ट:

15. अंबिकानाथ:

16. श्रीकण्ठ:

17. भक्तवत्सल:

18. भव:

19. शर्व:

20. त्रिलोकेश:

21. शितिकण्ठ:

22. शिवाप्रिय:

23. उग्र:

24. कपाली:

25. कामारी:

26. सुरसूदन:

27. गंगाधर:

28. ललाटाक्ष:

29. महाकाल:

30. कृपानिधि:

31. भीम:

32. परशुहस्त:

33. मृगपाणी:

34. जटाधर:

35. कैलाशवासी:

36. कवची:

37. कठोर:

38. त्रिपुरांतक:

39. वृषांक:

40. वृषभारूढ़:

41. भस्मोद्धूलितविग्रह:

42. सामप्रिय:

43. स्वरमयी:

44. त्रयीमूर्ति:

45. अनीश्वर:

46. सर्वज्ञ:

47. परमात्मा:

48. सोमसूर्याग्निलोचन:

49. हवि:-

50. यज्ञमय:

51. सोम:

52. पंचवक्त्र:

53. सदाशिव:

54. विश्वेश्वर:

55. वीरभद्र:

56. गणनाथ:

57. प्रजापति:

58. हिरण्यरेता:

59. दुर्धुर्ष:

60. गिरीश:

61. गिरिश्वर:

62. अनघ:

63. भुजंगभूषण:

64. भर्ग:

65. गिरिधन्वा:

66. गिरिप्रिय:

67. कृत्तिवासा:

68. पुराराति:

69. भगवान्:

70. प्रमथाधिप:

71. मृत्युंजय:

72. सूक्ष्मतनु:

73. जगद्व्यापी:

74. जगद्गुरू:

75. व्योमकेश:

76. महासेनजनक:

77. चारुविक्रम:

78. रूद्र:

79. भूतपति:

80. स्थाणु:

81. अहिर्बुध्न्य:

82. दिगम्बर:

83. अष्टमूर्ति:

84. अनेकात्मा:

85. सात्त्विक:

86. शुद्धविग्रह:

87. शाश्वत:

88. खण्डपरशु:

89. अज:

90. पाशविमोचन:

91. मृड:-

92. पशुपति:

93. देव:

94. महादेव:

95. अव्यय:

96. हरि:-

97 .पूषदन्तभित:-

98. अव्यग्र:

99. दक्षाध्वरहर:

100. हर:

101. भगनेत्रभिद्:

102. अव्यक्त:

103. सहस्राक्ष:

104. सहस्रपाद:

105. अपवर्गप्रद:

106. अनंत:

107. तारक:

108. परमेश्वर:


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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