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Chhath Puja: जल्द ही छठ का महापर्व आने वाला है. साल में दो बार मनाए जाने वाले छठ के त्योहार में भारत के पूर्वाञ्चल के लोग मान्यतानुसार छठी मैया की पूजा करते हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आने वाली 5 अप्रैल से चैती छठ शुरू हो रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संतान के लिए माताएं इस व्रत को रखती हैं, इसके साथ ही छठी मैया (Chhathi Maiyya) और सूर्य देव (Surya Dev) की पूजा-अर्चना करती हैं. कहा जाता है इससे घर में खुशहाली आती है और शांति बनी रहती है.
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5 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो रही चैती छठ 8 अप्रैल, शुक्रवार के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक मनाई जाएगी. वहीं, मान्यतानुसार 6 अप्रैल को खरना होगा और 7 अप्रैल की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
बताया जा रहा है कि चैती छठ पूजा का शुभ मुहूर्त 7 अप्रैल के दिन शाम 5 बजकर 30 मिनट है, जिस समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसी के साथ, सूर्योदय या उषा अर्घ्य का समय 8 अप्रैल सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर बताया जा रहा है.
सूर्य की उपासना करने का ये व्रत साल में दो बार रखा जाता है और छठ मनाई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार छठी मैया को सूर्य देव की बहन कहा जाता है, इसलिए इस दिन सूर्य की पूजा करने का विशेष महत्व है. पूजा में प्रसाद के लिए अनेक सामग्रियों का प्रयोग होता है. लाल सिंदूर, चावल, बांस की टोकरी, धूप, शकरकंदी, पत्ता लगा हुआ गन्ना, नारियल, कुमकुम, कपूर, साबुत सुपारी, हल्दी, अदरक, शहद आदि पूजा की सामग्री होती है. छठ के लिए घर पर विशेष पकवान भी तैयार किए जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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