
Saraswati Puja Vidhi:: इस विधि से करें मां सरस्वती पूजा.
Basant Panchami: आज बसंत पंचमी है. बसंत पंचमी का त्योहार उत्तर भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है की इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) का विधान है. सरस्वती को ज्ञान, कला और संगीत की देवी माना जाता है. हिंदुओं की इस त्योहार में गहरी आस्था है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है.
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किसानों के लिए भी इस त्योहार का खास महत्व है, क्योंकि बसंत पंचमी पर सरसों के खेत लहलहा उठते हैं. चना, जौ, ज्वार और गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं. इस दिन से बसंत ऋतु का प्रारंभ होता है. यूं तो भारत में छह ऋतुएं होती हैं, लेकिन बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है. इस दौरान मौसम सुहाना हो जाता है और पेड़-पौधों में नए फल-फूल पल्लवित होने लगते हैं.
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बसंत पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2021 Date and Time)
बसंत पंचमी की तिथि: 16 फरवरी 2021
पंचमी तिथि प्रारंभ: 16 फरवरी 2021 को सुबह 03 बजकर 36 मिनट से
पंचमी तिथि समाप्त: 17 फरवरी 2021 को दोपहर 05 बजकर 46 मिनट तक
सरस्वती पूजा का शुभ मुहुर्त: 16 फरवरी 2021 को सुबह 06:59 से दोपहर 12:35 मिनट तक
बसंत पंचमी पर क्यों की जाती है देवी सरस्वती की पूजा?
सम्पूर्ण भारत में इस तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. पुराणों में वर्णित एक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि बसंत पंचमी के दिन तुम्हारी आराधना की जाएगी. पारंपरिक रूप से यह त्योहार बच्चे की शिक्षा के लिए काफी शुभ माना गया है. इसलिए देश के अनेक भागों में इस दिन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का श्रीगणेश किया जाता है. बच्चे को प्रथमाक्षर यानी पहला शब्द लिखना और पढ़ना सिखाया जाता है. आन्ध्र प्रदेश में इसे विद्यारम्भ पर्व कहते हैं. यहां के बासर सरस्वती मंदिर में विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं.
इस विधि से करें मां सरस्वती की पूजा
- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए सबसे पहले सरस्वती की प्रतिमा रखें.
- कलश स्थापित कर सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेकर पूजा करें.
- माता को पीले रंग के फूल अर्पित करें, माला और सफेद वस्त्र पहनाएं, फिर मां सरस्वती का पूरा श्रृंगार करें.
- माता के चरणों पर गुलाल अर्पित करें.
- सरस्वती मां को पीले फल या फिर मौसमी फलों के साथ-साथ बूंदी चढ़ाएं.
- माता को मालपुए और खीर का भोग लगाएं.
- मां सरस्वती ज्ञान और वाणी की देवी हैं. पूजा के समय पुस्तकें या फिर वाद्ययंत्रों का भी पूजन करें.
- कई लोग बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन हवन से करते हैं. अगर आप हवन करें तो सरस्वती माता के नाम से 'ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा" इस मंत्र से एक सौ आठ बार जाप करें.