विज्ञापन
This Article is From Dec 30, 2016

गुरु गोविंद सिंह की बाल लीलाओं का प्रतीक है पटना का 'बाललीला गुरुद्वारा'

गुरु गोविंद सिंह की बाल लीलाओं का प्रतीक है पटना का 'बाललीला गुरुद्वारा'
पटना: सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना में 350वें प्रकाशोत्सव को लेकर तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोगों के आने का सिलसिला जारी है. प्रकाशोत्सव को लेकर पटना स्थित सभी गुरुद्वारों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब आने वाले सिख श्रद्धालु यहां से कुछ ही दूर स्थित बाललीला गुरुद्वारा जाना नहीं भूलते.

श्रद्धालुओं के लिए यह गुरुद्वारा गुरुगोविंद सिंह की बाललीलाओं का प्रतीक है. मान्यता है कि गुरु यहीं अपनी बाल लीलाएं किया करते थे. यहां आज भी संगतों को प्रसाद के रूप में घुघनी (चने की सब्जी) दी जाती है.

श्री हरमंदिर जी पटना साहिब का कोना-कोना प्रकाशोत्सव को लेकर बढ़िया ढंग से सजाया गया है. गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म इस जगह 1666 ईस्वी में हुआ था. तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब से थोड़ी दूर हरिमंदिर गली में स्थित बाललीला साहिब (मैनी संगत) गुरुद्वारा है.

बाललीला गुरुद्वारा के प्रधान संत बाबा कश्मीर सिंह भूरीवाले ने बताया कि बचपन में गुरु महाराज ने यहां चमत्कार किया था. फतह चंद मैनी बड़े जमींदार थे, उनको राजा का खिताब मिला था. उनकी पत्नी विश्वंभरा देवी को कोई संतान नहीं थी. गोविंद राय (गुरु गोविंद सिंह के बचपन का नाम) साथियों के साथ यहां खेलने आते थे.

रानी विश्वंभरा देवी गोविंद राय जैसे बालक की कामना कर रोज प्रभु से प्रार्थना करती थी. इसी दौरान एक दिन गोविंद राय रानी की गोद में बैठ गए और उन्हें मां कहकर पुकारा. रानी खुश हुई और उन्हें धर्मपुत्र स्वीकार कर लिया.

बाल गोविंद ने रानी से कहा, "बहुत जोर से भूख लगी है, कुछ खाने को दो." रानी के घर में उस समय चने की घुघनी के अलावा कुछ नहीं था. रानी ने गोविंद को वही खाने को दे दिया, जिसे गोविंद ने स्वयं खाया और दोस्तों को भी खिलाया.

बाललीला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सचिव सरदार राजा सिंह ने बताया कि तभी से यहां संगतों को प्रसाद के रूप में चने की घुघनी दी जाती है.

बाद में हालांकि विश्वंभरा रानी को चार पुत्र हुए. यहीं बालक गोविंद बाग में खेलते थे. इसी कारण इस स्थान पर बाललीला गुरुद्वारा बना.

सिंह ने बताया कि गुरुपर्व की तैयारी यहां पूरी कर ली गई है. संगतों के ठहरने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाललीला गुरुद्वारे में नवनिर्मित 81 कमरोंवाला राजा फतहचंद मैनी यात्री निवास मंगलवार को संगत को समर्पित कर चुके हैं. पटना में प्रकाश उत्सव को लेकर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. पटना के सभी गुरुद्वारों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है.

प्रकाश उत्सव का मुख्य आयोजन पांच जनवरी को ऐतिहासिक गांधी मैदान में होना है, जहां अस्थायी गुरुद्वारा बनाया गया है. पांच जनवरी को यहीं दीवान सजेगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह, गोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना, गुरु गोविंद सिंह 350वां प्रकाशोत्सव, बाललीला गुरुद्वारा पटना, Tenth Sikh Guru Gobind Singh, Guru Gobind Singh Birthplace Patna, Guru Gobind Singh 350th Birth Anniversary
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com